कग्गा गैंग के चार बदमाश मुठभेड़ में ढेर, अरशद सहित एक लाख के इनामी बदमाश शामिल

Two robbers arrested after 'encounter' with police in Kasur - Crime - Dunya  News

 

मेरठ: यूपी STF की मेरठ टीम ने कग्गा गैंग के एक लाख रुपए के इनामी बदमाश सहित चार को देर रात शामली के झिंझाना इलाके में हुई मुठभेड़ में ढेर कर दिया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड में कग्गा गैंग का आतंक ऐसा था कि रात्रि के समय पुलिस थानों के गेट पर ताले लगने लगे थे। इस गैंग ने अपराध की दुनिया में ऐसा खौफ पैदा किया कि व्यापारी और आम जनता के साथ पुलिस सभी कांपते थे।

 

अरशद पर बढ़ा था इनाम

कग्गा गैंग के प्रमुख सदस्य अरशद के खिलाफ 17 संगीन मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें लूट, डकैती और हत्या शामिल हैं। पहला मामला 2011 में डकैती का दर्ज हुआ था। इसके बाद सहारनपुर के रामपुर मनिहारन क्षेत्र में उसने हत्या की। हाल ही में 29 नवंबर 2024 को अरशद ने भारत फाइनेंस कंपनी में अपने साथियों के साथ लूटपाट की थी। लूट के बाद पुलिस ने तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन अरशद और तीन अन्य फरार हो गए। अरशद की आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए सहारनपुर पुलिस ने उस पर 25,000 रुपये का इनाम रखा था, जिसे 19 दिसंबर 2024 को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया। एसटीएफ और पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी हुई थी, लेकिन अरशद पुलिस को लगातार चकमा दे रहा था।

 

मंजीत था हत्या का दोषी, पैरोल पर फरार

गैंग के एक अन्य कुख्यात सदस्य मंजीत दहिया ने 2021 में हत्या की थी, जिसके लिए उसे 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। पांच महीने पहले मंजीत पैरोल पर जेल से बाहर आया, लेकिन वापस नहीं लौटा। पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी, लेकिन वह भी गैंग के साथ जुड़कर अपराध को अंजाम देने लगा।

 

कग्गा गैंग का इतिहास और आतंक

कग्गा गैंग की शुरुआत 2011 में सहारनपुर के बाड़ी माजरा गांव के मुस्तफा उर्फ कग्गा ने की थी। इस गैंग में मुकीम काला ने भी प्रवेश किया और वह कग्गा का दायां हाथ बन गया। मुस्तफा के अपराधों में शामिल होने के बाद पुलिस से उसकी दुश्मनी बढ़ी।

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