UP: अखिलेश यादव बोले- अयोध्या में गरीबों की जमीन छीनने वालों को श्रीराम नहीं माफ करेंगे

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में अयोध्या के किसानों की समस्याओं को सामने रखा। किसानों ने आरोप लगाया कि उनकी जमीनें सस्ते दामों पर ली जा रही हैं और बाद में इन्हें महंगे दामों पर बेचा जा रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि अयोध्या में गरीबों और किसानों की जमीनों को सस्ते दामों पर खरीदा गया और फिर इन जमीनों को महंगी कीमतों पर बेचा जा रहा है, जो कि भ्रष्टाचार और बंदरबांट का परिणाम है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने किसानों और गरीबों की जमीनें ली हैं, उन्हें प्रभु श्रीराम कभी माफ नहीं करेंगे।अखिलेश यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि अयोध्या के किसान विकास के खिलाफ नहीं हैं, वे भी विकास में भागीदार बनना चाहते हैं, लेकिन उन्हें उचित मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार किसानों को बाजार भाव पर मुआवजा नहीं देती है, तो सपा सरकार आने पर उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा।
अखिलेश यादव ने अयोध्या में विकास के नाम पर हो रहे बदलावों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जहां आश्रम बनने चाहिए थे, वहां फाइव स्टार होटल बनाए जा रहे हैं। उन्होंने इस पर सवाल किया कि क्या इन होटलों में बार होंगे और क्या इन्हें फाइव स्टार का दर्जा मिलेगा। अखिलेश ने कहा कि सपा अयोध्या को वर्ल्ड क्लास बनाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सीएम के ऑफिस का जो भवन है, वह सपा सरकार की देन है।सपा अध्यक्ष ने मिल्कीपुर उपचुनाव को देश का महत्वपूर्ण चुनाव बताते हुए सरकार से पारदर्शिता की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के खिलाफ व्यापारी भी खड़े हो गए हैं, क्योंकि जीएसटी के डर से कारोबारी कानपुर और लखनऊ छोड़कर जा रहे हैं। अखिलेश यादव ने महाकुंभ में 9 करोड़ लोगों के डुबकी लगाने के आंकड़ों को भी फर्जी बताया और कहा कि सरकार के आंकड़े गलत हैं।
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस के विरोध में नहीं है, बल्कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को समर्थन दे रही है क्योंकि वह भाजपा को कड़ी टक्कर दे रही है।इसके अलावा, अयोध्या से आए किसानों ने अपनी समस्याएं साझा कीं। उन्होंने बताया कि आवास विकास उनकी जमीन सस्ते दामों पर ले रहा है और फिर उसे महंगे दामों पर बेच रहा है। किसानों ने कहा कि वे विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्हें उचित मुआवजा चाहिए। उनका कहना था कि उनकी जमीनें नजूल की जमीन बताकर मुफ्त में ली जा रही हैं और फिर उद्योगपतियों को बेची जा रही हैं।