दिल्ली में इन दिनों के झुग्गी बस्तियों पर राजनीति तेज हो गई है। यह आम आदमी पार्टी का मजबूत वोट बैंक है। भाजपा इसमें सेंध लगाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए पिछले कई माह से पार्टी काम कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह झुग्गीवासियों को संबोधित कर चुके हैं। भाजपा की झुग्गी बस्तियों में बढ़ रही सक्रियता से आप को चुनाव में नुकसान होने का डर है। इस कारण आप संयोजक अरविंद केजरीवाल सहित अन्य नेताओं ने भाजपा पर जुबानी हमले तेज कर दिए हैं।
राजधानी में तीन लाख से अधिक परिवार लगभग 675 झुग्गी बस्तियों में रहते हैं। यहां शुद्ध पेयजल, शौचालय, सीवर लाइन, सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वालों पर सभी पार्टियों की नजर है, क्योंकि नई दिल्ली सहित 32 विधानसभा क्षेत्रों में ये चुनाव परिणाम को प्रभावित करते हैं।
प्रत्येक चुनाव में इनका समर्थन प्राप्त करने के लिए राजनीतिक दल बड़े-बड़े वादे करते हैं, परंतु इनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए। कभी इन झुग्गी बस्तियों में कांग्रेस की मजबूत पकड़ थी।वर्ष 2012 में आम आदमी पार्टी के उदय के बाद यह समीकरण बदल गया। अब इन्हें आप का समर्थक माना जाता है। माना जाता है कि आप को सत्ता तक पहुंचाने में झुग्गी बस्ती वालों ने महत्पूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भाजपा के रणनीतिकारों को लगता है कि दिल्ली की सत्ता पर पहुंचने के लिए झुग्गी बस्ती में रहने वालों का साथ जरूरी है। इन्हें अपने साथ जोड़ने के लिए जून से ही प्रयास शुरू हो गए थे। दिल्ली प्रदेश भाजपा के महामंत्री विष्णु मित्तल को झुग्गी अभियान का संयोजक बनाया गया।
जनसंपर्क अभियान व अन्य कार्यक्रम के माध्यम से इन्हें अपने साथ जोड़ने के लिए 85 महिलाओं सहित 250 विस्तारक नियुक्त किए गए। इनके सहयोग से स्थानीय लोगों को पार्टी से जोड़ने का प्रयास चल रहा है।
आप संयोजक अरविंद केजरीवाल व अन्य नेता झुग्गीवालों का वोट कटवाने और झुग्गियां तोड़ने की साजिश करने का आरोप लगा रहे हैं। इसका भाजपा नेताओं द्वारा मीडिया, इंटरनेट मीडिया और झुग्गी वालों के बीच जाकर जवाब दिया जा रहा है।
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि 10 वर्षों में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी ने झुग्गी बस्तियों में कोई काम नहीं किया। यहां रहने वाले पानी खरीदकर पीते हैं। शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाओं का अभाव है। लोग इनकी सच्चाई जान गए हैं।