मेरठ सामूहिक हत्याकांड में सनसनीखेज खुलासा: सौतेले भाइयों ने पांच लोगों को क्यों मारा, वजह आई सामने

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मेरठ के लिसाड़ीगेट के सुहेल गार्डन में राजमिस्त्री मोईन, उनकी पत्नी आसमा और तीन बेटियां अक्शा (8), अजीजा (4) और अलईफ्शा (1) की नृशंस हत्या परिवार के लोगों ने ही की है। मोईन के दो सौतेले भाई नईम, तसलीम और भाभी नजराना के खिलाफ पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। तसलीम व नजराना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मुख्य आरोपी बताए जाने वाला नईम फरार है। एसएसपी का कहना है कि प्राथमिक जांच में हत्या का कारण चार लाख रुपये के लेनदेन और पारिवारिक विवाद सामने आया है

राजमिस्त्री मोईन और उसके परिवार डेढ़ महीने पहले ही रुड़की से आकर सुहेल गार्डन में रहने लगा था। किराए के मकान के पास में मोईन अपने घर का निर्माण कर रहे थे। बृहस्पतिवार रात करीब 8:30 बजे मोईन, उनकी पत्नी आसमा, तीनों बेटियों की हत्या की खबर मिलने के बाद से सुहेल गार्डन में मातम छाया हुआ है। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस की मौजूदगी में शवों को सुपर्द-ए-खाक कर दिया।

आसमां के भाई आमिर अहमद ने लिसाड़ीगेट थाने में मोईन के सौतेले भाई नईम, तसलीम और भाभी नजराना के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। नजराना का पति अमजद हरिद्वार जेल में बंद है। एसएसपी के मुताबिक मोईन और उसका सगा भाई अमजद रुड़की में ही रहते थे। जहां पर उनका मकान और प्लॉट था। अमजद के जेल जाने के बाद मोईन रुड़की का मकान और प्लॉट बेचकर सुहेल गार्डन में आया था, जहां उसने करीब डेढ़ साल पहले दो प्लॉट खरीदे थे।

नजराना भी सुहेल गार्डन के पास समर गार्डन में अपने परिवार के साथ आकर रहने लगी। मोईन के एक प्लॉट पर मकान बना रहा था और दूसरे प्लॉट में अमजद का हिस्सा बताया गया। जेल में बंद भाई की जमानत कराने के नाम पर मोईन ने भाभी नजराना को 4-5 महीने पहले चार लाख रुपये दिए थे। प्लॉट में हिस्सा खत्म होने को लेकर परिवार में विवाद चल रहा था।

पत्थर काटने वाली मशीन से परिवार के पांचों लोगों का गला काटा गया है। मौके पर खून से सनी पत्थर काटने वाली मशीन मिली। फॉरेंसिक टीम ने मशीन को कब्जे में ले लिया है। अंदेशा जताया गया कि बदमाशों ने पहले मोईनुद्दीन की हत्या की और उसके बाद परिवार को मार डाला। पुलिस अधिकारियों ने क्राइम सीन भी किया है। आसपास के लोगों से पुलिस ने जानकारी जुटाई कि आखिर मोईनुद्दीन और उसका परिवार आखिरी बार कब देखा था। पुलिस के पहुंचने से पहले तसलीम और मोमिन ने अपने भाई, भाभी और तीनों भतीजियों के शव देख थे। पुलिस ने भी दोनों भाईयों से उनकी पहचान कराई।

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