दिल्ली विश्वविद्यालय में अब परीक्षाओं में नकल पर लगाम लगेगी। डीयू ने एक नई तरह की उत्तरपुस्तिका तैयार की है। इस उत्तरपुस्तिका के साथ ही प्रश्न पत्र है, जिसे छात्र परीक्षा के बाद वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
उत्तरपुस्तिका में 48 पेज हैं, जिसमें शुरूआत के छह पेज छात्र का ब्यौरा भरने व प्रश्न पत्र के लिए हैं, जबकि बाकी 42 पेज में छात्रों को उत्तर लिखने हैं।
डीयू ने सिस्टम को पुख्ता और पारदर्शी बनाने के लिए इस तरह की उत्तरपुस्तिका तैयार की है। डीयू ने इस व्यवस्था को विधि संकाय की परीक्षाओं से शुरू किया है। इसके सफल रहने पर इसे अन्य विषयों की परीक्षाओं के लिए भी लागू किया जाएगा। सोमवार को विधि संकाय की परीक्षा के लिए छात्रों को 48 पेज की उत्तरपुस्तिका ही दी गई। इसमें उत्तरपुस्तिका के साथ ही प्रश्न पत्र भी जुड़ा हुआ है। इस कारण से आसान तरीके से परीक्षा हल हो सकती है।
हर पेज नंबर पर एक कोड लिखा है। इससे बीच में छात्र पेज भी नहीं छोड़ सकते। अब तक उत्तरपुस्तिका 28 पेज की होती थी, चार पेज की अतिरिक्त शीट छात्रों को दी जाती है और प्रश्न पत्र भी अलग होता था। नई व्यवस्था में परीक्षा समाप्त होने के बाद छात्र प्रश्न पत्र नहीं ले जाया जा सकेगा, बल्कि परीक्षा शाखा की ओर से इसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। जहां से छात्र इसे डाउनलोड कर सकेंगे। डीयू के परीक्षा नियंत्रक प्रो गुरप्रीत सिंह टुटेजा ने कहा कि सिस्टम को पुख्ता बनाने, पारदर्शिता लाने व नकल पर लगाम लगाने के लिए यह नई उत्तरपुस्तिका को लाया गया है। यह एक तरह की वर्कबुक की तरह है। यह अभी पॉयलट प्रोजेक्ट के रूप में है, बाद में इसे अन्य विषयों की परीक्षा के लिए शुरू करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
डीयू के एक अधिकारी के अनुसार, ऐसा देखने में आता है कि कुछ छात्र फर्जी उत्तर पुस्तिका परीक्षा में ले आते हैं। इन पर उत्तर लिखे होते हैं। इसे छात्र होशियारी के साथ उत्तरपुस्तिका के साथ जोड़ देते थे। इस कारण से नकल के आरोप में वह पकड़ में नहीं आते थे। इस समस्या को दूर करने के लिए ही इस 48 पेज की उत्तरपुस्तिका को लाया गया है। ऐसा नहीं है कि 48 पेज के बाद उन्हें उत्तरपुस्तिका नहीं मिलेगी, जरूरत पडने पर वह अतिरिक्त शीट ले सकते हैं।