बेटियों ने निभाया बेटे का फर्ज, पिता को दी मुखाग्नि

राजस्थान के रामपुरा उर्फ महाराजपुरा गांव में एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने सभी को भावुक कर दिया। भजनलाल मीणा की असामयिक मृत्यु के बाद, उनकी पांच बेटियों ने समाज के पारंपरिक रिवाजों को तोड़ते हुए पिता की अर्थी को कंधा दिया और अंतिम संस्कार की सभी रस्में निभाईं। भजनलाल, जिनका कोई पुत्र नहीं था, की मौत के बाद परिजनों ने निर्णय लिया कि बेटियां ही अपने पिता के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी निभाएंगी। रीना और पिंकी ने अर्थी को कंधा दिया, जबकि अर्चना, नसीला, और बसबाई ने अन्य रस्में अदा कीं। गांव में इस पहल की काफी सराहना हो रही है, और यह घटना बेटा-बेटी में समानता की दिशा में एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है।