Bihar News: दिव्यांग गोल्डी को प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार सम्मान
Sakshi Singh December 26, 2024
बिहार के नालंदा जिले की गोल्डी कुमारी ने अपनी अद्वितीय प्रतिभा और संघर्ष के जरिए यह साबित कर दिया है कि दिव्यांगता कभी भी सफलता की राह में रुकावट नहीं बन सकती। गोल्डी को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जो देश में बच्चों के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। इस पुरस्कार के साथ गोल्डी को एक विशेष पदक, नकद राशि और प्रमाण पत्र भी दिया गया। गोल्डी की जिंदगी बहुत ही कठिनाइयों से भरी रही है। महज दस महीने की उम्र में एक रेल दुर्घटना में उन्होंने अपनी मां को खो दिया और उनका बायां हाथ भी बुरी तरह से घायल हो गया। लेकिन इस हादसे ने गोल्डी के हौसले को तोड़ने के बजाय और मजबूत किया।
गोल्डी ने खेल के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। स्कूल स्तर पर शॉटपुट में स्वर्ण पदक जीतने के बाद उसने जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी अपना परचम लहराया। राष्ट्रीय पैरा खिलाड़ी कुंदन कुमार पांडेय के मार्गदर्शन से गोल्डी की प्रतिभा और निखरी। बिहार पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन के डॉ. शिवाजी कुमार और नालंदा लक्ष्य खेल अकादमी के कोचों ने भी उसकी सफलता पर खुशी जताई। गोल्डी की यह उपलब्धि दिव्यांग बच्चों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है और यह दिखाती है कि यदि संकल्प मजबूत हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
इसी तरह, शेखपुरा जिले के सौरभ कुमार की कहानी भी बहादुरी और साहस की मिसाल है। सौरभ को भारत सरकार द्वारा वीर बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में दिया। सौरभ का परिवार गरीब किसान है और वह अपने परिवार के साथ पशुपालन करता है। एक दिन, सौरभ अपनी भैंस को चराने लेकर गया था, तभी गांव की कुछ लड़कियां घोंघा चुनने के लिए एक गहरे गड्ढे में गईं। अचानक लड़कियां गड्ढे में गिर गईं और तैरना न जानने के कारण वे डूबने लगीं।
सौरभ ने बिना किसी हिचकिचाहट के पानी में कूदकर तीन लड़कियों की जान बचाई, हालांकि एक लड़की को वह नहीं बचा सका।सौरभ की वीरता की कहानी सुनकर गांव वाले पहले इसे सच मानने को तैयार नहीं थे, लेकिन जब डूबने से बचाई गई लड़कियों ने उसकी बहादुरी की पुष्टि की, तो सब चौंक गए। इसके बाद बाल संरक्षण इकाई ने उसे सम्मानित किया और उसकी शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के लिए अतिरिक्त मदद दी। कई प्रतिष्ठित स्कूलों ने सौरभ को निशुल्क शिक्षा देने का प्रस्ताव भी दिया है।सौरभ की बहादुरी शेखपुरा जिले और बिहार के लिए गर्व का कारण बनी है। जिले के विधायक विजय सम्राट ने कहा कि सौरभ की शिक्षा में उसकी गरीबी रुकावट नहीं बनेगी, और वे उसे हर संभव मदद देंगे।