उत्तराखंड राष्ट्रीय खेल: इन चार खेलों का भविष्य अंधेरे में, आयोजन की स्थिति स्पष्ट नहीं

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जैसे-जैसे समय बीत रहा है, 38वें राष्ट्रीय खेलों में शामिल होने की उम्मीद लेकर बैठे घुड़सवारी, पावर लिफ्टिंग, कराटे, और स्ट्रीट क्लाइंबिंग के खिलाड़ियों की आशाएं कमजोर पड़ती जा रही हैं। हालांकि, राज्य के विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा का कहना है कि अभी भी उम्मीद बाकी है।

 

आज से राष्ट्रीय खेलों की मशाल यात्रा शुरू हो चुकी है, लेकिन इन चार खेलों के आयोजन को लेकर अनिश्चितता बरकरार है। खेल निदेशालय और खेल मंत्री रेखा आर्या ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को इन खेलों को शामिल करने के लिए अनुरोध पत्र भेजे हैं। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री और मंत्री ने भी इस मुद्दे पर मौखिक अनुरोध किया है। बावजूद इसके, अब तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।

 

खेल एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि शुरुआत में आईओए ने 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए 32 खेलों को स्वीकृति दी थी। हाल ही में राज्य की मांग पर योगासन और मलखंभ जैसे खेलों को पदक खेलों में शामिल किया गया। लेकिन अन्य खेलों को शामिल करने की संभावना कम होती जा रही है।

 

गौरतलब है कि इससे पहले गोवा में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में भी अंतिम समय में खेलों को शामिल करने की स्वीकृति दी गई थी। इस मिसाल से खिलाड़ियों और खेल निदेशालय को अभी भी उम्मीद बनी हुई है कि अंतिम समय में सकारात्मक फैसला आ सकता है।

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