मुस्तफाबाद विधानसभा चुनाव: कांग्रेस, भाजपा और आप के बीच किसकी होगी अंतिम जीत?

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मुस्तफाबाद विधानसभा सीट, जो 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई, दिल्ली के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित है। यह क्षेत्र सघन आबादी वाला है, जहां ज्यादातर मध्यमवर्गीय परिवार रहते हैं और सिलाई-बुनाई जैसे घरेलू रोजगार से जुड़े होते हैं। मुस्तफाबाद क्षेत्र में कई समुदायों के लोग रहते हैं, और विधानसभा क्षेत्र में मुस्तफाबाद, करावल नगर, गाजीपुर, झिलमिल, गाजीपुर गांव, कश्मीर गेट (कुछ हिस्से) और विजय विहार जैसे इलाके शामिल हैं। परिसीमन से पहले इस सीट को करावल नगर के नाम से जाना जाता था।

 

2008 में कांग्रेस के हसन अहमद ने इस सीट से जीत हासिल की, और वे लगातार दो बार विधायक बने। इसके बाद, 2013 में भी हसन अहमद ने जीत दर्ज की, लेकिन 2015 में भाजपा के जगदीश प्रधान ने उनकी हार का बदला लिया। 2020 के चुनाव में, आम आदमी पार्टी (आप) के हाजी युनुस ने भाजपा के जगदीश प्रधान को हराया और जीत हासिल की।

 

मुस्तफाबाद में भाजपा और कांग्रेस का नगर निगम में भी दबदबा है, जहां विभिन्न वार्डों पर इन दोनों पार्टियों के पार्षद हैं। आम आदमी पार्टी यहां नगर निगम में भी अपना खाता नहीं खोल पाई। क्षेत्र में सड़कों की खस्ता हालत और टूटी हुई गलियों की समस्या आम लोगों के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी करती हैं। कई बार प्रशासन को इस बारे में शिकायतें दी गईं, लेकिन स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ। इसके अलावा, बिजली के तारों के जाल और पानी की सप्लाई की समस्या भी यहां के लोगों के लिए चिंता का विषय है। पार्किंग की भी गंभीर समस्या है, जिससे जाम की स्थिति बनती है।

 

इस क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की कमी और अव्यवस्थाएं अक्सर चुनावी मुद्दे बनती हैं।

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