रेड से चर्चा में आए बिजनेसमैन ने 6 साल में 95 एकड़ जमीन बनाई, जानिए पूर्व मंत्री से कनेक्शन

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मोतिहारी के रामगढ़वा स्थित रिपुराज एग्रो प्राइवेट लिमिटेड में आयकर विभाग द्वारा चल रही छापेमारी ने रामेश्वर प्रसाद को चर्चा में ला दिया है। रामेश्वर प्रसाद, जो पहले मोटर पार्ट्स की दुकान चलाते थे, अब एक प्रमुख कारोबारी के रूप में उभरे हैं। उनका नाम तब सुर्खियों में आया जब यह आरोप सामने आया कि उन्होंने महज पांच एकड़ की जमीन को छह साल में 95 एकड़ में तब्दील कर दिया। इसके साथ ही, कई नए प्लांट के निर्माण के प्रस्ताव भी सामने आए हैं। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप है। जब आयकर विभाग को इन गतिविधियों की भनक लगी, तो एक टीम ने उनके ठिकाने और राइस मिल पर छापेमारी शुरू कर दी। यह छापेमारी शुक्रवार रात से जारी है, और आयकर अधिकारी दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। छापेमारी के बाद सुरक्षा बलों की भारी तैनाती भी की गई है।

रामेश्वर प्रसाद के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी व्यावसायिक यात्रा गुप्ता डीज़ल्स नामक दुकान से शुरू की थी, जहां वह मोटर पार्ट्स बेचते थे। बाद में, उन्होंने एफसीआई में लाइजनिंग का काम किया और वहां से अपनी राजनीतिक और व्यावसायिक पहचान बनाई। कुछ समय बाद, उन्होंने रिपुराज एग्रो प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक राइस मिल स्थापित की, जिसका विधिवत उद्घाटन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। इस राइस मिल के तहत उत्पादित रिपुराज ब्रांड का चावल बिहार, नेपाल और खाड़ी देशों में भी बेचा जाने लगा, और इसकी मांग तेजी से बढ़ी।

सूत्रों के अनुसार, यही राइस मिल रामेश्वर प्रसाद के लिए अकूत संपत्ति अर्जित करने का जरिया बना। खास बात यह है कि वह प्रमोद कुमार, जो कि मोतिहारी के विधायक और पूर्व विधि एवं कानून मंत्री हैं, के समधी भी हैं। इस राजनीतिक रिश्ते ने उनके व्यावसायिक और आर्थिक उन्नति में मदद की। आयकर विभाग की छापेमारी को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन यह मामला अब बड़े पैमाने पर चर्चा का विषय बन गया है।

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