Dehradun: आठ सीटर वैन में 16 बच्चे सवार, सुरक्षा नियमों का उल्लंघन; वाहन सीज

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उप संभागीय परिवहन कार्यालय विकासनगर की टीम ने आरटीओ के निर्देश पर पछवादून क्षेत्र में करीब आठ घंटे तक स्कूल बसों की जांच की। यह अभियान सुबह सात बजे से शुरू होकर दोपहर करीब 2:50 बजे तक चला। टीम ने देखा कि कई स्कूल वाहन बच्चों की सुरक्षा से जुड़े नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। सबसे चिंताजनक मामला एक आठ-सीटर वैन का था, जिसमें 16 बच्चे सवार थे। यह वैन स्कूल वाहन के रूप में अधिकृत नहीं थी, इसलिए उसे सीज कर दिया गया।इस अभियान के दौरान कुल 27 स्कूल बसों के चालान किए गए। इन बसों में अग्निशमन यंत्र, प्राथमिक उपचार किट और बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह जैसी सुरक्षा मानकों की कमी पाई गई। इसके अलावा, एक वैन को स्कूल वाहन के रूप में इस्तेमाल करने और टैक्स व बीमा न जमा करने के कारण तीन स्कूल बसों और एक मैजिक वाहन को भी सीज कर दिया गया।

टीम ने ढालीपुर, हरबर्टपुर, विकासनगर, कालसी, लांघा, सेलाकुई, सिंघनीवाला और शिमला बाईपास रोड पर जांच की। इस दौरान, एआरटीओ प्रवर्तन आरएस कटारिया ने बाबूगढ़-बरोटीवाला मार्ग पर एक स्कूल वैन को रोका। वैन में बैठे बच्चों से जब उन्होंने पूछा कि उनके माता-पिता से प्रति माह कितना शुल्क लिया जाता है, तो बच्चों ने बताया कि 1200 रुपये। एआरटीओ ने चालक को बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने के लिए फटकार लगाई। हालांकि, एक अन्य वैन में ओवरलोडिंग नहीं पाई गई, लेकिन फिर भी उसे चेक किया गया।इस जांच के दौरान, 25 अन्य वाहनों के चालान किए गए और चार वाहनों को सीज कर दिया गया। ये चालान ओवरलोडिंग, लाइसेंस न दिखाने और टैक्स व बीमा न जमा करने जैसे कारणों से किए गए। एआरटीओ ने बताया कि स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाकर स्कूल प्रबंधन, शिक्षकों और छात्रों को यातायात नियमों के महत्व के बारे में बताया जाता है। उन्होंने कहा कि हर कोई नियमों का पालन करे, यह जरूरी है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।एआरटीओ ने यह भी कहा कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा ताकि स्कूलों में सुरक्षा और यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को अधिकृत स्कूल बसों से ही भेजें।

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