देहरादून: छह मरीजों का अंग प्रत्यारोपण रुका, कमेटी का पुनर्गठन नहीं हुआ

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प्रदेश में अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया पूरी तरह से रुक गई है। इसके पीछे कारण है उत्तराखंड स्टेट ऑर्गन ट्रांसप्लांट कमेटी का पुनर्गठन न होना। इससे राज्य के छह मरीजों का अंग प्रत्यारोपण ठप हो गया है, जिससे उनकी स्थिति और बिगड़ सकती है। अंग प्रत्यारोपण के लिए कमेटी से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेना जरूरी है, और इसके बिना कोई भी ट्रांसप्लांट संभव नहीं हो सकता।दून मेडिकल कॉलेज में 2018 में बनाई गई इस कमेटी का कार्यकाल जुलाई 2023 में समाप्त हो गया था। इसके बाद से विभागीय प्रक्रियाओं की कमी के कारण इसका पुनर्गठन नहीं हो पाया है। इस कमेटी में कुल सात सदस्य होते हैं, जिसमें दून मेडिकल कॉलेज से दो सदस्य, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य महानिदेशक, और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) से दो सदस्य शामिल होते हैं। आईएमए के दोनों सदस्य का कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका था, और नए सदस्य शामिल करने की प्रक्रिया में देरी हो रही है। इस वजह से अभी तक कमेटी को नए सदस्य नहीं मिल पाए हैं।

अंग प्रत्यारोपण के लिए एनओसी की आवश्यकता होती है। इसके लिए कमेटी संबंधित कागजात की समीक्षा करती है और तभी ट्रांसप्लांट की अनुमति देती है। लेकिन फिलहाल, कमेटी के पास अंग प्रत्यारोपण के लिए कई आवेदन आ रहे हैं। लोग अपने दस्तावेज जमा करवा रहे हैं, लेकिन उन्हें एनओसी नहीं मिल रहा। अधिकारी इसे कागजी औपचारिकताओं की कमी बताते हैं।इस समस्या के समाधान के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। आईएमए के दो सदस्य का कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद से पुनर्गठन की प्रक्रिया चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्दी ही शासन से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद, अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया फिर से शुरू हो सकेगी, जिससे मरीजों को राहत मिलेगी।प्रदेश में इस समय लोग इस मुद्दे को लेकर चिंतित हैं और जल्द ही अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।

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