UP: छात्र के पैन नंबर पर 13 कंपनियां… 37.57 करोड़ का जीएसटी बकाया; ऐसे हुआ मामला का खुलासा

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तमिलनाडु के एक एमबीए छात्र का पैन कार्ड धोखाधड़ी का शिकार हो गया, जिसमें 13 फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड कर दी गईं। इन कंपनियों ने जीएसटी के तहत करीब 37.57 करोड़ रुपये की राशि का बकाया जमा नहीं किया। मामला तब उजागर हुआ जब आयकर विभाग ने छात्र ईशू त्यागी को ईमेल और डाक के माध्यम से नोटिस भेजा, जिसमें बताया गया कि उनके पैन कार्ड पर तीन कंपनियां पहले से रजिस्टर्ड थीं और अब इनकी संख्या बढ़कर 13 हो गई है। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि इन फर्जी कंपनियों ने जीएसटी नंबर प्राप्त किया था और इन कंपनियों की ओर से समय-समय पर टीडीएस भी जमा किया गया। हालांकि, छात्र और उनके परिवार का दावा है कि उन्होंने कभी भी किसी प्रकार की व्यापारिक गतिविधि नहीं की थी, और उनके नाम से बिना अनुमति के फर्जी कारोबार किया गया।

 

ईशू के पिता ने इस मामले में कविनगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है और धोखाधड़ी, जीएसटी चोरी, और फर्जी कंपनियों के पंजीकरण में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा, उन्होंने विभाग से यह भी अनुरोध किया कि इस मामले में शामिल सभी फर्जी कंपनियों और उनके लिंक वाले व्यक्तियों के खिलाफ जांच की जाए और कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।

 

यह मामला अकेला नहीं है, क्योंकि इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहां बोगस कंपनियों के माध्यम से जीएसटी चोरी की गई है। हाल ही में अक्टूबर माह में राज्य कर विभाग ने 106 फर्जी कंपनियों का खुलासा किया था, जिनसे 469 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की गई थी। इन फर्जी कंपनियों के जरिए लाखों रुपये का कारोबार दिखाकर आईटीसी क्लेम किया गया था। जांच के दौरान यह भी पता चला कि फर्जी कंपनियों का नाम आदर्श तरीके से पंजीकरण कराया गया था, लेकिन जब इनकी जांच की गई तो इनमें से अधिकांश कंपनियों के पते पर कोई स्थायी जगह या संपत्ति नहीं पाई गई। इस प्रकार की धोखाधड़ी से न सिर्फ सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है, बल्कि आम जनता और सही तरीके से कर चुकाने वाले व्यापारियों के लिए यह बड़ी समस्या बन गई है।

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