इंदौर बीआरटीएस पर बनेंगे नए ब्रिज, निर्माण से पहले कोर्ट की मंजूरी जरूरी

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इंदौर के बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को लेकर प्रदेश सरकार ने इसे हटाने का बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी पिछली इंदौर यात्रा के दौरान बीआरटीएस को तोड़ने की घोषणा की थी। हालांकि नगर निगम ने अभी तक बीआरटीएस को हटाने का काम शुरू नहीं किया है। लेकिन पांच प्रमुख जंक्शनों पर ब्रिज निर्माण के लिए प्री-फिजिबिलिटी सर्वे की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

 

विजय नगर और पलासिया चौराहे पर चुनौती

विजय नगर और पलासिया चौराहे पर मेट्रो ट्रेन रूट बीआरटीएस के साथ क्रॉस करता है, जिससे यहां ब्रिज निर्माण की योजना बाधित हो रही है। विजय नगर चौराहे पर ब्रिज नहीं बन पाएगा, जबकि पलासिया चौराहे पर ब्रिज की ऊंचाई अधिक रखनी होगी। यह स्थिति ब्रिज निर्माण की तकनीकी जटिलताओं को उजागर करती है।

 

जिन चौराहों पर सर्वे होगा

ब्रिज निर्माण के लिए एलआईजी, पलासिया, गीता भवन, शिवाजी वाटिका, और नवलखा चौराहों पर सर्वे होगा। इन सभी ब्रिज को बीआरटीएस के मध्य हिस्से में बनाने की योजना है। भंवरकुआं पर ब्रिज पहले ही बनकर तैयार हो चुका है, जबकि निरंजनपुर चौराहे पर निर्माण कार्य चल रहा है।

 

लागत और शिफ्टिंग का बड़ा खर्च

बीआरटीएस की बस लेन, स्टेशनों, और सीवरेज तथा नर्मदा पाइपलाइन की शिफ्टिंग पर करोड़ों रुपये का खर्च आएगा। बीआरटीएस ब्रिज निर्माण में लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन अब इसे तोड़ने और नए ब्रिज निर्माण के लिए भी भारी खर्च की आवश्यकता होगी।

 

बस लेन और स्टेशनों को हटाने की चुनौती

बीआरटीएस की बस लेन के मध्य हिस्से में बने चार फीट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर बस स्टेशन हैं। इन रैलिंग और प्लेटफॉर्म को हटाने के लिए अतिरिक्त लागत और श्रम की आवश्यकता होगी।

 

अधिकारियों का रुख और कानूनी स्थिति

मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि बीआरटीएस को लेकर कोर्ट में याचिका विचाराधीन है। बीआरटीएस हटाने का फैसला नीतिगत है, और नगर निगम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगा। सर्वे की प्रक्रिया जनवरी में शुरू होने की संभावना है।

बीआरटीएस को हटाने और नए ब्रिज निर्माण की योजना इंदौर की यातायात व्यवस्था में बड़ा बदलाव ला सकती है। हालांकि, मेट्रो और ब्रिज निर्माण के बीच समन्वय और तकनीकी चुनौतियां इस परियोजना की जटिलताओं को बढ़ा रही हैं। आने वाले समय में इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से इंदौर की यातायात संरचना और सुगम हो सकती है।

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