HPBOSE: तीसरी, पांचवीं, आठवीं कक्षा की परीक्षाएं पुराने फॉर्मेट में

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इस बार शीतकालीन स्कूलों में तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाओं के लिए ओएमआर शीट नहीं देने का निर्णय लिया है। यह फैसला समय की कमी को देखते हुए लिया गया है। इस साल शीतकालीन स्कूलों में परीक्षाएं पुराने पैटर्न पर ही होंगी, लेकिन अगले शैक्षणिक सत्र से नए पैटर्न के प्रश्नपत्रों के साथ ओएमआर शीट का इस्तेमाल किया जाएगा।शीतकालीन स्कूलों में दिसंबर में परीक्षाएं आयोजित होती हैं, जबकि ग्रीष्मकालीन स्कूलों में मार्च में परीक्षा होती है। शीतकालीन स्कूलों में इस बार बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) के लिए ओएमआर शीट का इस्तेमाल नहीं होगा, लेकिन मार्च 2025 से ग्रीष्मकालीन स्कूलों में नए पैटर्न के प्रश्नपत्रों के साथ ओएमआर शीट लागू हो जाएगी।
नए पैटर्न में 35% आसान, 30% मध्यम और 25% कठिन प्रश्न होंगे। बहुविकल्पीय प्रश्नों को सेक्शन-ए में रखा जाएगा, जो कुल प्रश्नों का 20% होंगे। यह बदलाव तीसरी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के सभी छात्रों के लिए लागू होगा।हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में शीतकालीन स्कूलों की संख्या अलग-अलग है। शिमला जिले में सबसे अधिक 21 शीतकालीन स्कूल हैं, वहीं कांगड़ा में 1, चंबा में 15, कुल्लू में 3, किन्नौर में 3, मंडी में 11, सिरमौर में 7 और सोलन जिले में 6 शीतकालीन स्कूल हैं। इन स्कूलों में 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षा नहीं होती, बल्कि तीसरी से आठवीं कक्षा की परीक्षाएं नवंबर और दिसंबर में आयोजित होती हैं।इस बदलाव का उद्देश्य परीक्षा प्रणाली को बेहतर बनाना और विद्यार्थियों के लिए एक नई दिशा में सुधार लाना है। अगले शैक्षणिक सत्र से ओएमआर शीट के साथ नया पैटर्न लागू करने से छात्रों को और भी बेहतर परीक्षा अनुभव मिलेगा।