अखिलेश यादव का शायराना तंज: ‘ज़ुल्मी हुक्मरानों ने बना दिया हालात ऐसा…’

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उत्तर प्रदेश में नौ सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया है, लेकिन इसके साथ ही विवादों और सियासी बयानबाज़ी का दौर शुरू हो गया। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार और पुलिस प्रशासन पर निशाना साधा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक फोटो साझा करते हुए लिखा, “ज़ुल्मी हुक्मरानों ने ला दिया है ऐसे हालातों में, पत्थर दे दिए हिफाजत करने वालों के हाथों में।”यह शायराना टिप्पणी करते हुए अखिलेश यादव ने पुलिस के रवैये पर सवाल उठाए।

 

पुलिस के रवैये पर आरोप

 

मतदान के दौरान कई जगहों पर पुलिस के व्यवहार को लेकर विवाद खड़ा हुआ। कानपुर की सीसामऊ सीट पर फर्जी मतदान रोकने के नाम पर मतदाताओं को टोकने और बाधा पहुंचाने की शिकायतें आईं। सुबह करीब नौ बजे जब अलग-अलग मोहल्लों से मतदाता बड़ी संख्या में घरों से निकले, तो उन्हें बैरियर लगाकर रोका गया। कुछ जगहों पर भाजपा और सपा के नेता चुनाव अधिकारियों से भिड़ते भी नजर आए।

इसके अलावा, मीरापुर उपचुनाव में ककरौली क्षेत्र में मतदान के दौरान बड़ा हंगामा हुआ। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मतदान से रोके जाने का आरोप लगाते हुए मोरना-जानसठ मार्ग पर जाम लगा दिया। जाम हटाने पहुंची पुलिस पर कुछ युवकों ने पथराव कर दिया, जिसमें एसओ राजीव शर्मा और तीन अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए।

 

एसओ का वीडियो वायरल

 

पथराव के दौरान तनाव इतना बढ़ गया कि पुलिस ने लाठियां फटकारकर भीड़ को तितर-बितर किया। इस बीच, एसओ राजीव शर्मा का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह महिला मतदाताओं की ओर पिस्टल ताने नजर आए। इस घटना ने और अधिक विवाद खड़ा कर दिया।

 

सियासी बयानबाज़ी जारी

 

इन घटनाओं ने उपचुनाव के माहौल को गरमा दिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे लोकतंत्र पर हमला करार देते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह सरकार मतदाताओं को भयभीत करने और चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने में लगी है। उन्होंने दावा किया कि जनता अब भाजपा को सत्ता से हटाने का मन बना चुकी है।

 

भाजपा ने किया पलटवार

 

भाजपा नेताओं ने अखिलेश यादव के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सपा उपचुनाव में हार के डर से इस तरह के बयान दे रही है। भाजपा का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने सख्ती दिखाई, लेकिन सपा इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है।

 

उपचुनाव की अहमियत

 

उत्तर प्रदेश के इन नौ सीटों पर हो रहे उपचुनाव को 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले सत्ता के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में मतदान के दौरान की ये घटनाएं न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली बल्कि सियासी दलों की रणनीति पर भी सवाल खड़े कर रही हैं।

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