यूपी पुलिस की कार्रवाई तेज: बिना वजह दौड़ाने वाले पुलिसकर्मियों और भ्रष्ट बाबुओं को होगी जेल

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वाराणसी के पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया है कि पुलिसकर्मियों को अनावश्यक रूप से परेशान करने वाले और भ्रष्टाचार में लिप्त बाबुओं को जेल भेजा जाएगा। इसके लिए हर महीने सैनिक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें पुलिसकर्मियों से बाबुओं के कामकाज का फीडबैक लिया जाएगा। पुलिस आयुक्त ने कहा कि टीए भुगतान, मेडिकल बिल और पेंशन से जुड़े मामलों में पुलिसकर्मियों को कार्यालयों का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा।

 

बुधवार को कैंप कार्यालय में आयोजित बैठक में पुलिस आयुक्त ने विभिन्न शाखाओं के लंबित और निस्तारित प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि कोई भी फाइल अनावश्यक रूप से लंबित पाई गई तो संबंधित लिपिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी 24 घंटे सेवा में लगे रहते हैं, ऐसे में उनके कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

 

पुलिस आयुक्त ने भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों में संलिप्त पुलिसकर्मियों पर भी सख्ती बरतने की बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में संलिप्त कर्मचारियों की सत्यनिष्ठा रोकी जाएगी। साथ ही, सभी शाखाओं के लंबित प्रकरणों पर डीसीपी (मुख्यालय) साप्ताहिक समीक्षा करेंगे ताकि फाइलें समय पर निपटाई जा सकें।

 

बैठक में संयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ. के. एजिलरसन, पुलिस उपायुक्त प्रमोद कुमार और सहायक पुलिस आयुक्त गौरव कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद थे।

 

निरीक्षकों और उप निरीक्षकों के कार्यक्षेत्र में फेरबदल

 

पुलिस आयुक्त ने बुधवार को आठ निरीक्षकों और दो उप निरीक्षकों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया। निरीक्षक जितेंद्र यादव को मॉनिटरिंग सेल का प्रभारी नियुक्त किया गया, जबकि निरीक्षक देवेंद्र पाल सिंह को सर्विलांस सेल से हटाकर डायल-112 का प्रभारी बनाया गया। निरीक्षक तरुण कुमार पांडेय और मनोज कुमार तिवारी को साइबर सेल भेजा गया।

इसके अलावा, दीनानाथ यादव, विजय कुमार यादव और विपिन कुमार को साइबर क्राइम थाने में तैनाती दी गई। महिला शाखा और मिशन शक्ति सेल का प्रभारी अनिल कुमार शर्मा को बनाया गया। उप निरीक्षक ईश्वर दयाल दुबे को प्रशिक्षण सेल का प्रभारी और अजय कुमार पांडेय को साइबर सेल में नियुक्त किया गया।

 

पुलिसकर्मियों के लिए कल्याणकारी पहल

 

पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिसकर्मियों की शिकायतों और समस्याओं का समाधान उनकी प्राथमिकता है। सैनिक सम्मेलन के जरिए उनकी समस्याओं को सुनकर उनका समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि फाइलों का लंबित रहना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस नई व्यवस्था से न केवल पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। पुलिस आयुक्त का यह कदम वाराणसी के पुलिस प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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