खाद संकट, शाहजहांपुर में डीएपी के लिए परेशान किसान, पुलिस की निगरानी में हो रहा वितरण

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शाहजहांपुर जिले में सहकारी समितियों पर डीएपी खाद का सूखा पड़ा है, जिससे किसानों को गेहूं की बोआई में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मीरानपुर कटरा क्षेत्र की कई समितियों पर डीएपी उपलब्ध है, लेकिन उपलब्ध स्टॉक की तुलना में मांग अधिक होने के कारण वहां के सचिव वितरण करने से कतरा रहे हैं। जलालाबाद के गुरुगवां समिति को छोड़कर जिले की अन्य समितियों पर डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है। इस स्थिति ने किसानों को दिसंबर के पहले हफ्ते तक खाद की कमी का सामना करने के आसार बढ़ा दिए हैं।

 

पांच दिन पहले तक किसी न किसी समिति पर खाद का वितरण होता रहा, लेकिन मांग कम नहीं हुई। बीते रविवार को पिटारमऊ साधन सहकारी समिति पर 400 बोरी एनपीके खाद वितरित की गई, लेकिन इसके बावजूद दर्जनों किसान खाली हाथ लौट गए। सोमवार को फरीदापुर समिति पर पुलिस की मौजूदगी में 400 एनपीके खाद वितरित की गई, जबकि वहां फरीदापुर के अलावा काजरबोझी, समेचीपुर, पेहना, हथिनापुर तथा टॉपर आदि गांवों के करीब 800 किसान लाइन में लगे थे। इस कारण केवल एक-एक बोरी खाद दी गई। गुरुगवां समिति में 70-80 बोरी डीएपी शेष है, लेकिन मांग अधिक होने के कारण उसका वितरण नहीं किया जा रहा।

 

क्षेत्र में गढ़ियारंगीन साधन समिति में भी सोमवार को पुलिस की मौजूदगी में डीएपी का वितरण किया गया। ग्राम प्रधान लालू प्रसाद ने आरोप लगाया कि सचिव मनमाने ढंग से डीएपी का वितरण कर रहे हैं। कस्बा की साधन समिति, खेड़ा रठ स्थित समितियों पर डीएपी उपलब्ध नहीं थी। किसानों को खाद नहीं मिलने से वे मायूस होकर लौट गए। डभौरा समिरा साधन समिति पर सोमवार को 400 कट्टा डीएपी थी, लेकिन किसानों की अधिक भीड़ के कारण खाद का वितरण नहीं किया गया।

 

किसानों का दर्द स्पष्ट है। गांव समेचीपुर के किसान मजिस्टर सिंह ने बताया कि उन्हें चार बोरी खाद की आवश्यकता थी, लेकिन एक बोरी खाद ही मिली, और वह भी डीएपी के बजाय एनपीके की थी। लगभग दस दिन बाद समिति पर आई खाद भी उनकी जरूरत के अनुसार नहीं थी। पिपरी कलां के पाल सिंह ने कहा कि गेहूं की बोआई को डीएपी नहीं मिल रही है। बहुउद्देश्यीय समिति पर खाद लेने वे सुबह ही पहुंचे थे। सचिव ने कहा कि समिति पर डीएपी उपलब्ध नहीं है। कटैया निवासी किसान रामनिवास कश्यप ने बताया कि उन्हें गेहूं की फसल के लिए यूरिया खाद की आवश्यकता है। पहले एनपीके बांटी जा रही है, इसलिए वे इंतजार कर रहे हैं। बाबूपुर बुजुर्ग उर्फ नगरा के गौतम सिंह ने कहा कि उनके खेतों में गेहूं की बोआई हो गई है, और अब यूरिया खाद की आवश्यकता है। यूरिया खाद के लिए भी उन्हें कई घंटे तक लाइन में लगना पड़ा।

 

जिला कृषि अधिकारी विकास किशोर शर्मा ने कहा कि जिन सहकारी समितियों से डीएपी की मांग आ रही है, वहां खाद भेजी जा रही है। जिले में पर्याप्त मात्रा में डीएपी और एनपीके खाद उपलब्ध है। जहां पर डीएपी की कमी है, वहां के सचिवों से बात करके खाद जल्द ही भेजी जाएगी। हालांकि, यह स्पष्ट है कि मांग ज्यादा है, जबकि आपूर्ति में खामियां बनी हुई हैं, जिससे किसानों को खाद की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या का समाधान करने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि किसानों को इस बोआई सीजन में कोई कठिनाई न हो।

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