इंदिरा मैराथन 2024, कमिश्नर ने हरी झंडी दिखाकर दी शुरुआत

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39वीं अखिल भारतीय प्राइजमनी इंदिरा मैराथन का आयोजन मंगलवार को प्रयागराज में हुआ, जिसमें देशभर से आए धावकों ने हिस्सा लिया। यह मैराथन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर आयोजित होती है। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने सुबह साढ़े छह बजे आनंद भवन से हरी झंडी दिखाकर दौड़ की शुरुआत की।

 

42.195 किलोमीटर लंबी इस मैराथन में देश के विभिन्न हिस्सों से आए धावकों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। सेना के धावकों और पूर्व विजेताओं की भागीदारी ने प्रतियोगिता को और भी रोचक बना दिया। मैराथन का मार्ग ऐतिहासिक स्थलों और महत्वपूर्ण चौराहों से गुजरता हुआ मदन मोहन मालवीय स्टेडियम पर समाप्त हुआ। मार्ग में आनंद भवन, स्वराज भवन, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, हनुमान मंदिर चौराहा, और नया पुल जैसे स्थान शामिल थे। आयोजन की तैयारियों का निरीक्षण पहले ही कर लिया गया था।

 

प्रतियोगिता में भाग लेने वालों में पूर्व विजेता और नए धावक दोनों शामिल थे। महिला वर्ग में 2023 की विजेता रीनू ने दूसरी बार इसमें हिस्सा लिया, जबकि भोपाल की शीलू यादव ने पहली बार दौड़ में भाग लिया। प्रयागराज के सुंदनीपुर कला के अनिल कुमार, जो सेना में हवलदार हैं, ने पहले भी इस प्रतियोगिता में तीसरा स्थान हासिल किया था। अनिल इस बार शीर्ष स्थान के लिए प्रयासरत थे। इसी तरह, केरल के नजीम ने भी अपनी तैयारी पर भरोसा जताया।

 

मैराथन का रिकॉर्ड 1987 में स्वरूप सिंह ने बनाया था, जिन्होंने 2 घंटे 13 मिनट 57 सेकंड में दौड़ पूरी की थी। इस रिकॉर्ड को तोड़ने की चुनौती हर धावक के लिए प्रेरणा बनी रही। आयोजन के दौरान स्वच्छता और प्लास्टिक मुक्त भारत का संदेश दिया गया।

 

समापन समारोह में उत्तर प्रदेश के खेल निदेशक आर.पी. सिंह ने विजेताओं को पुरस्कृत किया। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी शामिल थीं। इंदिरा मैराथन न केवल खेल प्रतिभाओं को मंच प्रदान करता है, बल्कि सामाजिक संदेशों के प्रचार का माध्यम भी बनता है।

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