गाजियाबाद में वकीलों की बैठक, पूर्ण कार्य बहिष्कार का ऐलान

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बीते 29 अक्टूबर को गाजियाबाद कोर्ट में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज का मामला शांत नहीं हो रहा है. लाठीचार्ज का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. गाजियाबाद के अधिवक्ता लगातार गुस्से का इजहार करके हड़ताल पर हैं. वहीं अब पश्चिमी यूपी के वकीलों ने भी समर्थन दिया है. इसी के तहत शनिवार को अधिवक्ताओं ने 22 जिलों और तहसीलों में कार्य बहिष्कार करने का ऐलान किया है.

 

मेरठ के पूर्व जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र धामा का कहना है कि 29 अक्टूबर के बाद से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है. हाईकोर्ट बेंच समिति के अध्यक्ष रोहिताश्व कुमार अग्रवाल ने कहा कि गाजियाबाद में पदाधिकारियों की बैठक भी आज ही होगी. सीनियर एडवोकेट और पूर्व में जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारी रहे राम कुमार शर्मा ने कहा कि यूपी वेस्ट के अधिवक्ता एक साथ हैं. महत्वपूर्ण बैठक में जो निर्णय लिया जाएगा, उसी के अनुरूप आंदोलन आगे बढ़ेगा.

 

हाईकोर्ट बेंच केन्द्रीय संघर्ष समिति पश्चिम उत्तर प्रदेश के नेतृत्व में गाजियाबाद कोर्ट प्रकरण में कई मांगें उठाई जा रही हैं. वकीलों में आक्रोश इस बात का है कि वह इस पूरी घटना की एसआईटी जांच की मांग उठा रहे हैं. मांग है कि अविलंब अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस हों और चोटिल अधिवक्ताओं को दो दो लाख रुपये के मुआवजा मिले. 21 नवंबर तक गाजियाबाद के जिला जज का ट्रांसफर हो जाए. लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. माना जा रहा है कि केंद्रीय संघर्ष समिति की आज होने वाली मीटिंग बेहद अहम होगी. बहरहाल अदालतों में कामकाज प्रभावित है.

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