झांसी मेडिकल कॉलेज में आग से 10 नवजातों की मौत, जांच के आदेश जारी

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उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में रविवार को भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में 55 नवजात भर्ती थे, जिनमें से 45 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। फिलहाल उनका इलाज जारी है। मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने बताया कि आग लगने के बाद स्थिति बेहद भयावह हो गई थी। तत्काल दमकल विभाग को सूचना दी गई और करीब 15 दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। आग पर काबू पाने के लिए सेना को भी बुलाया गया। सेना और दमकल विभाग ने मिलकर राहत और बचाव कार्य को अंजाम दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को “हृदयविदारक” बताते हुए शोक व्यक्त किया। पीएमओ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि “झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुए हादसे ने मन को व्यथित कर दिया है। जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें।”

घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख और घायल बच्चों के परिजनों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया। सरकार ने बेहतर चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है ताकि घायल बच्चों को जल्द ठीक किया जा सके।

सोमवार सुबह उत्तर प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने घटनास्थल का दौरा किया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों और प्रशासन से हादसे की विस्तृत रिपोर्ट मांगी। प्राथमिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है।प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच समिति का गठन कर दिया है। यह समिति हादसे के कारणों की गहराई से जांच करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही, मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की जाएगी।

 

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