सियासी लाभ के लिए भाजपा परिवारों को बांटने का करती है प्रयास, तेज प्रताप यादव का आरोप

उत्तर प्रदेश की करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) का लंबे समय से दबदबा है। उपचुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने भतीजे और पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को प्रत्याशी बनाया है, जबकि भाजपा ने चाचा धर्मेंद्र यादव के बहनोई अनुजेश यादव को मैदान में उतारा है। यह मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। तेज प्रताप ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह सियासी लाभ के लिए परिवारों में फूट डालने की राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले धर्म, फिर जातियों में बंटवारा किया और अब परिवारों को बांटने की कोशिश कर रही है। महाराष्ट्र में एनसीपी और शिवसेना का विभाजन इसका उदाहरण है।
महिला सुरक्षा के सवाल पर तेज प्रताप ने कहा कि भाजपा की सरकार अपराधियों को बचाने का काम करती है। उन्होंने कुलदीप सेंगर और नित्यानंद जैसे मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, यूपी महिला सुरक्षा में फिसड्डी है।
पोस्टर वॉर पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा नेता ने भाजपा पर समाज में डर और विभाजन की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सपा का नारा ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ है, जो समाज को जोड़ने पर केंद्रित है।
परिवारवाद के आरोपों पर तेज प्रताप ने कहा कि यूपी में सपा के केवल एक सदस्य विधानसभा में हैं। भाजपा का यह आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) गठजोड़ को जनता के बीच मजबूत विश्वास का प्रतीक बताया और कहा कि भाजपा इससे घबराई हुई है। उन्होंने भाजपा से पिछड़ों को रोजगार देने का डेटा जारी करने की मांग की।