दमोह में फसल खराब होने से आहत किसान ने कीटनाशक पीया, जिला अस्पताल में इलाज जारी

दमोह जिले के सलैया गांव के किसान दान सिंह लोधी का मामला क्षेत्र में किसानों की कठिनाइयों और कृषि संकट का एक जीवंत उदाहरण बनकर सामने आया है। दान सिंह ने अपने परिवार की आजीविका के लिए पांच एकड़ में धान की फसल लगाई थी। फसल से अच्छी पैदावार की उम्मीद में उन्होंने साहूकारों से एक से डेढ़ लाख रुपये का कर्ज लिया था। लेकिन, सूखा रोग के प्रकोप ने उनकी फसल को पूरी तरह नष्ट कर दिया, जिससे उनकी सभी उम्मीदें टूट गईं। परिवार का भरण-पोषण पूरी तरह से फसल पर निर्भर था, और कर्ज चुकाने का कोई साधन न होने के कारण वह गहरे मानसिक तनाव में आ गए। परिवार की आर्थिक कठिनाइयों और कर्ज के दबाव से निराश होकर दान सिंह ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए परिजनों ने उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका इलाज जारी है।
दान सिंह के बेटे लाल सिंह ने बताया कि सूखा रोग ने उनकी फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया, जिससे उनके पिता मानसिक तनाव में रहने लगे थे। परिवार के पास अब रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के भी साधन नहीं बचे। इस घटना से परिवार ही नहीं, बल्कि पूरा गांव स्तब्ध है। जिले के अन्य किसानों के बीच भी फसल बर्बादी और कर्ज का डर बढ़ गया है। इस साल सूखा रोग का प्रकोप तेंदूखेड़ा ब्लॉक सहित जिले के कई इलाकों में देखा गया है, जहां सैकड़ों एकड़ में धान की फसलें बर्बाद हो गई हैं। कृषि विभाग ने इस प्रकोप को कम करने के लिए किसानों को कुछ उपाय और छिड़काव विधियाँ बताई थीं, लेकिन संक्रमण की तीव्रता के कारण स्थिति में सुधार नहीं हो सका।
क्षेत्र के किसानों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि सरकार को राहत पैकेज के माध्यम से उनकी सहायता करनी चाहिए ताकि वे कर्ज के दबाव से बाहर आ सकें और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें। किसान संगठनों का कहना है कि बढ़ते कर्ज और फसल बर्बादी के कारण किसानों का भविष्य खतरे में है। उन्होंने मांग की है कि प्रशासन जल्द से जल्द क्षतिपूर्ति योजना लागू करे और ऐसे संकट से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए।
क्षेत्रीय नेताओं और सामाजिक संगठनों ने भी सरकार से दान सिंह जैसे किसानों के लिए आर्थिक सहायता और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने का अनुरोध किया है, ताकि किसान अपने जीवन के प्रति आशावान रह सकें और आत्महत्या जैसे कदम उठाने से बच सकें।