गाजियाबाद: आग का गोला बनी स्कूल बस, हादसे के वक्त मची अफरातफरी, 16 बच्चों की जान बाल-बाल बची

गाजियाबाद के कौशांबी क्षेत्र में गुरुवार सुबह मदर्स ग्लोबल स्कूल की एक एसी बस में अचानक आग लग गई, जिसमें 16 बच्चों की जान खतरे में आ गई थी। सुबह 7:30 बजे का वक्त था, जब बस कौशांबी थाने के पीछे श्री रेजिडेंसी इलाके से गुजर रही थी। अचानक आग की लपटें उठने लगीं, जिससे मौके पर अफरातफरी मच गई। आसपास के लोगों ने बिना देरी किए पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी और तत्काल मदद के लिए आगे आए।
सूचना मिलने पर फायर स्टेशन वैशाली से दमकल की गाड़ियां तुरंत मौके पर पहुंची। मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) राहुल पाल के नेतृत्व में फायर टीम ने बिना समय गंवाए बस में फंसे सभी बच्चों को बाहर निकालने का काम शुरू किया। बच्चों को सुरक्षित निकालने के बाद दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाने के प्रयास किए, लेकिन आग इतनी भयानक थी कि कुछ ही मिनटों में पूरी बस जलकर राख हो गई।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी राहुल पाल ने बताया कि बस में आग लगने का कारण प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है, हालांकि विस्तृत जांच की जा रही है। घटना के समय बच्चों और ड्राइवर की सूझबूझ से समय रहते सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, अन्यथा एक बड़ी त्रासदी हो सकती थी। बस में मौजूद एसी सिस्टम और इलेक्ट्रिकल कनेक्शनों की भी जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आगे से ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
इस हादसे में न सिर्फ दमकल विभाग और पुलिस की तत्परता की भूमिका महत्वपूर्ण रही, बल्कि आसपास के स्थानीय निवासियों ने भी अपनी उपस्थिति से एक बड़ी मदद दी। उन्होंने बिना देरी किए बच्चों को बाहर निकालने में सहायता की और घटना के तुरंत बाद यातायात को सामान्य बनाने में भी मदद की।
इस हादसे ने स्कूल प्रशासन और परिवहन विभाग के सामने भी सुरक्षा के कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बच्चों के परिवहन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों में सुरक्षा मानकों को लेकर एक बार फिर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने स्कूल बसों की नियमित जांच, उचित मेंटेनेंस और एसी सिस्टम की सुरक्षा के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन कराने की बात कही है।
यह घटना माता-पिता और स्थानीय समुदाय के लिए एक चेतावनी के रूप में सामने आई है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए जागरूकता और सतर्कता अत्यंत महत्वपूर्ण है। माता-पिता भी इस घटना से चिंतित हैं और स्कूल प्रशासन से इस तरह के हादसे को दोबारा न होने देने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।