चार सीटों पर 38 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला आज, राजद-राजग के बीच कड़ा मुकाबला

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बिहार की चार विधानसभा सीटों – बेलागंज, इमामगंज, तरारी, और रामगढ़ में 13 नवंबर को उपचुनाव हो रहे हैं। इन सीटों पर 38 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 12 लाख से अधिक मतदाता करेंगे। इस चुनाव की खास बात यह है कि चारों सीटों पर विभिन्न दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है, खासकर महागठबंधन और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बीच। इन चुनावों में कुल 10,000 सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है ताकि मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके।

रामगढ़: राजद और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर

रामगढ़ में राजद और भाजपा के बीच सीधी टक्कर है, जहां राजद प्रत्याशी सुधाकर सिंह के भाई अजीत सिंह मैदान में हैं। भाजपा ने पिछले चुनाव के प्रत्याशी अशोक कुमार सिंह को फिर से मैदान में उतारा है, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी त्रिकोणीय मुकाबला बनाने के लिए प्रयासरत है। 2020 में इस सीट पर राजद के सुधाकर सिंह ने बसपा के अंबिका यादव को मामूली अंतर से हराया था। इस बार भी तीन प्रमुख पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।

तरारी: भाजपा और भाकपा (माले) के बीच मुकाबला

भोजपुर जिले की तरारी विधानसभा सीट पर भाजपा के विशाल प्रशांत और भाकपा (माले) के राजू यादव के बीच सीधा मुकाबला है। विशाल प्रशांत पूर्व विधायक सुनील पांडेय के बेटे हैं, और भाजपा अपने परंपरागत सवर्ण और वैश्य मतदाताओं के समर्थन से जीत की कोशिश कर रही है। वहीं, भाकपा (माले) राजद के मुस्लिम-यादव (माई) समीकरण पर भरोसा कर रही है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने भी अपना प्रत्याशी उतारकर दोनों गठबंधनों के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है।

बेलागंज: राजद और जदयू के बीच जोरदार टक्कर

गया जिले की बेलागंज सीट पर राजद के पूर्व मंत्री सुरेंद्र यादव ने अपने बेटे विश्वनाथ यादव को टिकट दिलवाया है। यह सीट उनके सांसद बनने के बाद खाली हुई थी, जिससे उनके बेटे की जीत से यादव परिवार की प्रतिष्ठा भी जुड़ी हुई है। जदयू ने पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी को प्रत्याशी बनाया है, जो एक अनुभवी नेता हैं। बेलागंज में यह चुनाव जदयू और राजद के बीच प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है, हालांकि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने भी मो. अमजद को उम्मीदवार बनाकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।

इमामगंज: जीतन राम मांझी की प्रतिष्ठा दांव पर

गया जिले की इमामगंज सीट पर जीतन राम मांझी के परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर है। मांझी खुद सांसद बन चुके हैं और उन्होंने अपनी बहू दीपा मांझी को उम्मीदवार बनाया है, जो बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन की पत्नी हैं। इस सीट पर राजद के रौशन मांझी से उनका मुकाबला है, जबकि जन सुराज पार्टी ने जितेंद्र पासवान को उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। यह सीट मांझी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस जीत से उनका क्षेत्र में प्रभाव और पार्टी की पकड़ को मजबूत किया जा सकेगा।

चुनाव का महत्व

इन चार सीटों में तीन सीटें – बेलागंज, रामगढ़ और तरारी – महागठबंधन के पास थीं, जबकि इमामगंज सीट राजग के पास थी। इन सीटों के परिणाम दोनों गठबंधनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इससे उन्हें आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में मनोवैज्ञानिक बढ़त मिलेगी। साथ ही, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी पहली बार चुनावी मैदान में है और यह उपचुनाव पार्टी के लिए एक परीक्षण है।

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