यूपी के 27 हजार स्कूलों पर ताले की नौबत, शिक्षकों के भविष्य पर मंडराया संकट

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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के सरकारी स्कूलों को बंद करने की योजना के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध किया है। शनिवार को, आप कार्यकर्ताओं ने एसडीएम वंदना मिश्रा को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने सरकार की इस नीति का विरोध किया और इसे तुरंत रद्द करने की मांग की।

आप के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार की योजना के तहत 27 हजार सरकारी स्कूलों को बंद करने का प्रस्ताव है, जबकि 2020 में भी 26 हजार स्कूलों को बंद किया जा चुका है। उनका आरोप है कि इस कदम से गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों का भविष्य संकट में पड़ जाएगा, क्योंकि सरकारी स्कूलों के बंद होने से इन वर्गों के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में बड़ी कठिनाई होगी।

पार्टी नेताओं का कहना है कि योगी सरकार जानबूझकर सरकारी स्कूलों के पास निजी विद्यालयों को मान्यता दे रही है, जिससे निजी स्कूलों की संख्या बढ़े और सरकारी स्कूलों की स्थिति खराब हो। उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के पास चलने वाले निजी स्कूलों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

आप के नेताओं ने आरोप लगाया कि यह नीति सरकार की शिक्षा विरोधी मानसिकता को दर्शाती है और यह पूरी तरह से गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है। ज्ञापन सौंपने के दौरान जिलाध्यक्ष शहजाद खान, नफीस अल्वी, सैयद मंजूर हुसैन, मोहम्मद रिजवान और धर्मेंद्र यादव सम कई पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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