यूपी उपचुनाव 2024: सपा विधायक का दावा- CM योगी को छोड़नी होगी कुर्सी

समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक हाजी रफीक अंसारी के बयान के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। मेरठ की शहर विधानसभा सीट से विधायक हाजी रफीक अंसारी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश उपचुनाव के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी जाना तय है। उनका दावा है कि चाहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उपचुनाव जीते या हारे, मुख्यमंत्री योगी का पद से हटना निश्चित है।
हाजी रफीक अंसारी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उन्होंने उपचुनाव की तारीख में बदलाव कर 13 नवंबर से 20 नवंबर कर दी है। उनका मानना है कि भाजपा ने यह फैसला इसलिए लिया ताकि उनके बड़े नेता उन इलाकों में पहुंचकर प्रचार कर सकें। अंसारी ने कहा कि प्रचार के लिए अतिरिक्त समय मिलने के बावजूद भाजपा को कोई फायदा नहीं होगा और समाजवादी पार्टी गठबंधन उपचुनाव में जीत हासिल करेगी।
अंसारी ने यह भी आरोप लगाया कि मुजफ्फरनगर दंगों के लिए समाजवादी पार्टी नहीं, बल्कि भाजपा जिम्मेदार थी। उन्होंने भाजपा पर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने और समाज में विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया। सपा विधायक का मानना है कि समाजवादी पार्टी का गठबंधन मीरापुर उपचुनाव में जीत दर्ज करेगा, खासकर मुस्लिम मतदाताओं के समर्थन के कारण। उनका कहना है कि इस बार मुस्लिम वोट एकजुट रहेंगे और विभाजन की कोई संभावना नहीं है, जिससे सपा गठबंधन को मजबूती मिलेगी।
हाजी रफीक अंसारी ने अखिलेश यादव के नेतृत्व को भी मजबूत बताया और कहा कि पीडीए गठबंधन (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) में भरोसा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव हिंदू हैं, और सपा गठबंधन ने सभी जातियों और धर्मों के हितों का ख्याल रखा है, जो भाजपा के पक्ष में एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
इसके साथ ही, हाजी रफीक अंसारी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि भाजपा सरकार ने जनता के लिए सही काम किए होते तो उपचुनाव में उन्हें इतनी मेहनत करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि भाजपा को प्रदेश में अपने प्रदर्शन और कार्यों का आत्ममूल्यांकन करना चाहिए। उनका मानना है कि जनता भाजपा के विकास कार्यों से खुश नहीं है और वह सपा के पक्ष में मतदान करने की ओर देख रही है।
अंसारी के इस बयान ने प्रदेश की राजनीति में तीखे बहस का माहौल बना दिया है। विपक्षी दलों के नेता इसे भाजपा के लिए एक चुनौती के रूप में देख रहे हैं, जबकि भाजपा इसे सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी मान रही है।