धनबाद में जमीन फटने से उभरा गोफ, आग की लपटों से लोग हैरान

धनबाद के जोगता थाना क्षेत्र के 11 नंबर हरिजन बस्ती में सोमवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। सुबह-सुबह बस्ती के पास अचानक जमीन फटने से आग की लपटें बाहर निकलने लगीं, जिससे आसपास का तापमान तेजी से बढ़ गया। स्थानीय निवासियों को घरों के अंदर असहनीय गर्मी का सामना करना पड़ा और वे घबराहट में अपने घरों से बाहर निकल आए। पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई, और लोगों में डर का माहौल बन गया।
इस भू-धंसान से जहरीली गैस का रिसाव भी होने लगा, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई होने लगी। गैस के कारण हवा में घुटन और दुर्गंध फैल गई, जिससे हालात और बिगड़ गए। इस अप्रत्याशित घटना के चलते लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में बस्ती के इधर-उधर भागने लगे। सुबह की धुंध के बीच ही बस्ती में इतनी रोशनी हो गई कि जैसे दिन का उजाला हो। लोगों ने देखा कि जमीन से लगातार आग की तेज लपटें और भारी मात्रा में गैस निकल रही है।
लोगों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) प्रबंधन को सूचना दी, ताकि घटना का जायजा लिया जा सके और राहत कार्य शुरू किया जा सके। हालांकि, सूचना देने के बाद भी खबर लिखे जाने तक कंपनी का कोई अधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा था। इस लापरवाही से स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ गया है और वे प्रबंधन की उदासीनता के प्रति नाराज हैं।
भू-धंसान का खतरा और बीसीसीएल की उदासीनता पर सवाल
धनबाद क्षेत्र में कोयला खदानों के कारण पहले भी कई बार भू-धंसान और आग की घटनाएं हो चुकी हैं। कोयला खदानों के नीचे की खाली जगहें समय-समय पर धंस जाती हैं और गैस का रिसाव शुरू हो जाता है, जिससे आस-पास के बस्तियों में रह रहे लोग प्रभावित होते हैं। बीसीसीएल द्वारा क्षेत्र में लगातार निगरानी और सुरक्षा उपायों के अभाव के कारण इस प्रकार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
निवासियों की मांग और प्रशासन से उम्मीद
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन और बीसीसीएल से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो इस तरह की घटनाएं लोगों की जान के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं। लोगों की मांग है कि प्रभावित क्षेत्र का शीघ्र निरीक्षण किया जाए, वहां से गैस का रिसाव रोका जाए और आग को बुझाने के उपाय किए जाएं। साथ ही, उन परिवारों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए, जो भू-धंसान और आग के कारण जोखिम में हैं।