DELHI NEWS: दिल्ली में हुए धमाके से सुरक्षा एजेंसियां चौक; सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों को पहचानने की जा रही कोशिश

दिल्ली में हुए धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। सीआरपीएफ स्कूल के पास हुए विस्फोट में केमिकल स्मोक का इस्तेमाल किया गया है जो पहले कभी नहीं देखा गया। इस केस में लगातार जांच जारी है। वहीं अब सीसीटीवी फुटेज में कैद संदिग्धों की पहचान करने में पुलिस को काफी दिक्क्तें आ रही हैं।



रोहिणी सेक्टर-14 के प्रशांत विहार स्थित सीआरपीएफ स्कूल की दीवार के पास रविवार सुबह जोरदार धमाका होने के मामले में जांच एजेंसियों को सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से कोई खास सफलता नहीं मिली है। अभी आरोपितों की पहचान नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि स्कूल के ठीक सामने स्थित एक दुकान के बाहर लगे जिस सीसीटीवी कैमरे में धमाके की तस्वीरें कैद हुई थीं।

उसी कैमरे में बम रखने वाले संदिग्धों की भी तस्वीरें कैद हो चुकी हैं, लेकिन तस्वीरें धुंधली होने व कुछ अन्य कारणों से पुलिस व केंद्रीय एजेंसियों को संदिग्धों की पहचान करने में मुश्किल हो रही है। पहचान करने के लिए सभी एजेंसियां नई-नई तकनीकों का सहारा ले रही हैं। मामला संवेदनशील होने के कारण एजेंसियां कोई ऐसा इनपुट साझा नहीं करना चाह रहीं जिससे जांच प्रभावित हो।

जिला पुलिस को फुटेज से मिल सकती है कामयाबी

घटना के तीन दिन बाद भी इस महत्वपूर्ण मामले को जिला पुलिस से एनआईए व स्पेशल सेल में स्थानांतरित न करने के पीछे माना जा रहा है कि जिला पुलिस को फुटेज से सुराग ढूंढने में सफलता मिल सकती है। सभी एजेंसियों को जिला पुलिस के साथ बेहतर समन्वय बनाकर जांच करने को कहा गया है। घटना वाले दिन ही जिला पुलिस ने दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज व डीवीआर को कब्जे में ले लिया था। पुलिस आयुक्त ने करीब छह माह पूर्व एडवाइजरी जारी कर कहा था कि किसी भी घटना के सीसीटीवी फुटेज स्थानीय थाना पुलिस किसी अन्य थाने अथवा यूनिट को नहीं देगी।

पुलिस व एजेंसियां ने करीब 20 से अधिक संदिग्धों से की पूछताछ

उसके बाद फुटेज साझा करने को लेकर पाबंदी लग गई थी। लेकिन बम धमाके का मामला संवेदनशील होने के कारण रविवार को ही प्रशांत विहार थाना पुलिस ने सभी एजेंसियों को फुटेज साझा कर दिया था। सभी को इस बात की हिदायत दे दी गई कि वे फुटेज को किसी अन्य को न दें।

घटना के बाद सभी एजेंसियों ने अपने-अपने स्तर पर फुटेज से जुड़े सुराग ढूंढने में जुटी हुई हैं। सूत्रों की मानें तो पुलिस व एजेंसियां करीब 20 से अधिक संदिग्धों पर शक जाहिर कर उनकी पहचान करने के बाद उनसे पूछताछ कर चुकी हैं, लेकिन उनकी भूमिका नहीं पाई गई। तीन-चार संदिग्धों की पहचान करना बाकी रह गया है, उन्हीं की पहचान करने में मुश्किल हो रही है

हो सकता है इन्हीं में किसी ने दीवार के पास बम रखा हो। मंगलवार को भी स्पेशल सेल, एनआईए, एनएसजी व सीआरपीएफ आदि की टीमों ने अलग-अलग समय पर मौके पर पहुंचकर घंटों जांच पड़ताल की।

दो साल पहले गाजीपुर फूल मंडी के पास मिला था आरडीएक्स

संदिग्धों की पहचान में देरी होने से पुलिस को गाजीपुर फूल मंडी जैसा संशय भी लग रहा है। 14 जनवरी 2022 की सुबह गाजीपुर फूल मंडी के गेट नंबर एक के पास तीन किलो आरडीएक्स एक काले रंग के बैग में मिला था। सीसीटीवी फुटेज की जांच से पता चला था कि नकाबपोश दो युवकों ने वहां पर विस्फोटक रखा था।

दोनों जिस बाइक से वहां आए थे उसके नंबर का पता करते हुए स्पेशल सेल 13 माह बाद 17 फरवरी 2024 को सीमापुरी स्थित उस फ्लैट तक पहुंच गई जहां दोनों ने किराए पर कमरा लिया था। बंद फ्लैट से भी सेल को एक बैग से ढाई किलो आरडीएक्स मिली थी।

जांच से पता चला था दोनों युवकों ने प्रॉपर्टी डीलर के जरिये फर्जी नाम से किराए पर फ्लैट लिया था। कई कैमरे में दोनों युवकों की तस्वीरें भी कैद मिली थीं, बावजूद इसके आज तक दिल्ली पुलिस दोनों की न तो पहचान कर पाई है और न ही पकड़ पाई है।

कहीं वैसा ही हाल स्कूल के बाहर धमाका मामले का भी न हो जाए। घटना के तीन दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस व केंद्रीय एजेंसियां किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई हैं कि धमाके को किस संगठन ने अंजाम दिया व बम बनाने में किस-किस तरह के रसायनों का इस्तेमाल किया गया।

धमाके की जांच में दिल्ली पुलिस समेत सभी एजेंसियां जुटी ही थीं कि इस बीच सोमवार देर रात किसी ने देश के तीनों सीआरपीएफ स्कूल द्वारका, प्रशांत विहार व तेलंगाना, हैदराबाद को ईमेल भेजकर बम धमाका करने की धमकी देकर और भी सनसनी फैला दी। मेल में कहा गया कि मंगलवार सुबह 11 बजे स्कूल के बाहर बम धमाका किया जाएगा।

डीएमके नेता सादिक को एनसीबी व ईडी द्वारा गिरफ्तार करने का बदला लेने के लिए धमाका कराया जाएगा। उक्त मेल के बाद सीआरपीएफ ने तीनों जगहों पर पहले स्थानीय पुलिस को सूचना दी फिर सीआरपीएफ ने अपने स्तर पर तीनों स्कूलों में अंदर की सुरक्षा कड़ी कर दी।

 

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