उपचुनाव में रालोद का मास्टर स्ट्रोक, जातिगत समीकरण पर आधारित टिकट वितरण

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उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के लिए रालोद (राष्ट्रीय लोक दल) ने टिकट वितरण को लेकर खास तैयारी की है। पार्टी साफ-सुथरे चेहरे के साथ-साथ जातिगत समीकरणों का भी ध्यान रख रही है, ताकि वे अपने दावेदारों का चयन सही तरीके से कर सकें। इस बार दावेदारों की सूची थोड़ी लंबी है, और पार्टी के शीर्ष नेता इस पर गहन मंथन कर रहे हैं।

 

राज्य में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, जिसमें भाजपा गठबंधन के तहत रालोद को मीरापुर सीट मिली है। मीरापुर सीट पर मुस्लिम, जाट, और गुर्जर समुदाय की बड़ी आबादी होने के कारण पार्टी टिकट के लिए खास ध्यान दे रही है। इस सीट को लेकर प्रत्याशियों में जोर आजमाइश तेज हो गई है। पुराने और नए दोनों ही दावेदार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, लेकिन पार्टी अभी तक किसी प्रत्याशी की घोषणा नहीं कर पाई है। नामांकन की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है, ऐसे में समय की कमी पार्टी के लिए चुनौती बन रही है।

 

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने हाल ही में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से इस विषय पर चर्चा की। पार्टी सूत्रों के अनुसार, मीरापुर सीट पर निवर्तमान विधायक, जो वर्तमान में सांसद हैं, अपने परिवार से ही प्रत्याशी चयन के लिए जोर लगा रहे हैं। इसके अलावा, दूसरी पार्टी से आए एक पूर्व सांसद भी इस दौड़ में शामिल हैं।

 

रालोद के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन त्रिलोक त्यागी ने बताया कि अभी केवल समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं। उन्होंने कहा कि नामांकन में अभी चार दिन का समय बाकी है, और पार्टी इस सीट पर अपने प्रत्याशी को जल्दी ही घोषित कर देगी। इस प्रकार, रालोद अपने चुनावी रणनीति को स्पष्ट करने और चुनाव में मजबूती से उतरने की तैयारी कर रही है।

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