DELHI NEWS: डुसू चुनाव में इतना हुआ प्रदुषण; MCD ने की सफाई, डीयू से मांगे इतने रूपए
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के दौरान लगे पोस्टर हटाने में एक करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। यह दावा दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने किया है। एमसीडी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर डीयू से इस राशि का भुगतान करने की मांग की है। डीयू का कहना है कि उसके पास इतनी बड़ी राशि का भुगतान करने के लिए कोई मद नहीं है।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में प्रचार के लिए इस्तेमाल पोस्टर को हटाने में खर्च हुए राशि की सीमा दिल्ली नगर निगम ने एक करोड़ रुपये बताई है। इसकी जानकारी हाई कोर्ट को देते हुए भुगतान की मांग दिल्ली विश्वविद्यालय से की है। डीयू ने साफ किया है कि वह कोर्ट के आदेश का इंतजार करेंगे। उनके पास ऐसी मद नहीं है, जिससे वह इतनी बड़ी राशि का भुगतान कर सकें। मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होनी है। कोर्ट ने 16 वर्तमान और पूर्व प्रत्याशियों को हाजिर होने को कहा है।
गंदगी की सफाई के लिए एक करोड़ रुपये का खर्च
एमसीडी परिषद ने अदालत के समक्ष कहा है कि अपने 12 जोन में डूसू चुनाव के दौरान पोस्टर और बैनर से हुई गंदगी की सफाई के लिए एक करोड़ रुपये का खर्च किया। कोर्ट ने पहले डीयू को सफाई के लिए एमसीडी और डीएमआरसी सहित नागरिक एजेंसियों द्वारा किए गए खर्च की भरपाई करने को कहा था। इसने यह भी कहा था कि डीयू चाहे तो चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों से यह राशि वसूल कर सकता है।
डीएमआरसी ने डीयू से एक लाख रुपये मांगे
डीएमआरसी की ओर से सफाई पर खर्च के लिए डीयू से करीब एक लाख रुपये की राशि मांगी गई है। इससे पहले डीयू की चुनाव समिति प्रत्याशियों को नोटिस जारी कर राशि भुगतान में सहयाेग की अपील कर चुकी है। लेकिन, किसी प्रत्याशी की ओर से राशि भुगतान की हामी नहीं भरी गई है। डीयू के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि प्रत्याशी खर्च की राशि देंगे, ऐसा संभव नहीं है और डीयू को ही राशि भुगतान करना होगा। हालांकि, इतनी बड़ी राशि का भुगतान डीयू के लिए मुश्किल है।
डीयू ने कहा- हम कोर्ट के आदेश का करेंगे इंतजार
डीयू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश का इंतजार करेंगे। डीयू पर ऐसा कोई फंड नहीं है, जिससे एक करोड़ की राशि का भुगतान किया जा सके। अदालत में हम अपना पक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्याशियों ने नियमों को नहीं माना, इससे चुनाव व्यवस्था को नुकसान हुआ है।
उपलब्ध कानूनी उपायों पर फैसला करेंगे: एबीवीपी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह ने पूरे मामले पर कहा कि हम इस मामले पर अदालत के अंतिम फैसले का इंतजार करेंगे और फिर हमारे पास उपलब्ध कानूनी उपायों पर फैसला करेंगे। हम उच्च न्यायालय से आग्रह करना चाहते हैं कि छात्रों के व्यापक हित में वोटों की गिनती पर लगी रोक हटाएं।
बिना देरी के डूसू चुनाव परिणा जारी हों: एनएसयूआई
नेशनल स्टूडेंट यूनियन आफ इंडिया ने एक बयान में कहा कि हम दिल्ली विश्वविद्यालय में सफाई सेवाओं के लिए दिल्ली नगर निगम द्वारा जमा की गई अत्यधिक राशि पर चिंता व्यक्त करते हैं। हम दिल्ली विश्वविद्यालय और एमसीडी दोनों से इस मुद्दे को तेजी से और न्यायसंगत तरीके से हल करने की अपील करते हैं। बिना देरी के डूसू चुनाव परिणाम जारी किए जाने चाहिए।
अदालत का मतगणना पर रोक हटाने से इनकार
डूसू चुनाव के लिए मतदान 27 सितंबर को हुआ था, 28 सितंबर को होने वाली मतगणना को उच्च न्यायालय ने तब तक रोक दिया है जब तक कि पोस्टर, होर्डिंग्स और दीवारों सहित सभी खराब सामग्री को हटा नहीं दिया जाता और सार्वजनिक संपत्ति साफ नहीं हो जाती। अदालत ने सोमवार को मतगणना पर लगी रोक हटाने से इनकार कर दिया। अगली सुनवाई तक दिल्ली पुलिस और एमसीडी से सफाई पर ताजा स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है।