बिहार में बाढ़ का कहर: आधा दर्जन से ज्यादा लोग डूबे

बिहार में बाढ़ का संकट गंभीर रूप ले चुका है, जिससे सूबे के विभिन्न क्षेत्रों में पानी भर गया है। नदियां, नाले, तालाब और गड्ढे सभी लबालब भरे हुए हैं, जिससे लगातार डूबने की घटनाएं हो रही हैं। खासकर कोसी-सीमांचल क्षेत्र में यह समस्या अधिक विकराल हो गई है। पिछले कुछ दिनों में डूबने से मौत के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसमें गुरुवार को नवरात्रि के कलश स्थापना के दिन अकेले आधा दर्जन से अधिक लोगों की जान गई।
सुपौल, मधेपुरा, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, खगड़िया और पूर्वी चंपारण जैसे जिलों में डूबने की घटनाएं सामने आई हैं। इनमें से पूर्वी चंपारण में कलश स्थापना के दौरान बागमती की उपधारा में दो लोग डूब गए, जिनकी तलाश अभी भी जारी है। वहीं, मधेपुरा में सुरसर नदी में एक 40 वर्षीय व्यक्ति की डूबने से मृत्यु हो गई है।
सामाजिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि बच्चों और युवाओं की भी जान जा रही है। दो बच्चों के लापता होने की सूचना भी है, जो इस संकट को और बढ़ा देती है। स्थानीय प्रशासन और救 बचाव दल डूबने की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति ने राहत कार्यों को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
बिहार के लोगों को इस संकट से निपटने के लिए जागरूकता और सावधानी बरतने की आवश्यकता है। बाढ़ के दौरान जल निकायों के निकट जाने से बचना चाहिए और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। इस मुश्किल समय में समुदाय को एकजुट होकर एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए।