चुनावी व्यस्तता के बाद प्रत्याशियों ने परिवार के साथ फुर्सत के पल बिताए और मंदिरों में मत्था टेका
लगभग डेढ़ महीने तक चली चुनावी कसरत ने कई उम्मीदवारों को तंदुरुस्त बना दिया है। इस दौरान कुछ प्रत्याशियों ने 100 किलोमीटर तक पैदल चलने का अनुभव किया, जबकि कुछ की दिन-रात की भागदौड़ ने उन्हें पहले से अधिक फिट कर दिया। मंगलवार को तीसरे चरण के अंतिम मतदान के बाद, बुधवार को उम्मीदवार परिवार के साथ फुर्सत के पल बिताते नजर आए, जिसमें कुछ ने मंदिरों में जाकर माथा भी टेका।
भाजपा के पूर्व मंत्री राजीव जसरोटिया, जो जसरोटा से चुनाव लड़ रहे हैं, ने अपने परिवार के साथ गुरु का आशीर्वाद लेने की परंपरा को जारी रखा। उन्होंने कहा, चुनाव के दौरान व्यस्तता के कारण परिवार के साथ समय नहीं बिता सका, लेकिन अब मैं उनकी कंपनी का आनंद ले रहा हूं
कठुआ से भाजपा प्रत्याशी डॉ. भारत भूषण ने भी अपनी दिनचर्या में बदलाव का अनुभव किया। उन्होंने कहा, आज मैं आराम से उठा हूं। न सुबह रैली की चिंता थी और न ही देर रात की बैठकों की। चुनावी भागदौड़ ने मुझे परिवार के साथ समय बिताने का मौका नहीं दिया। अब नवरात्र शुरू हो रहे हैं, इसलिए मैं माता का आशीर्वाद लेने जा रहा हूं।
उधमपुर से कांग्रेस प्रत्याशी सुमित मगोत्रा ने भी अपनी चुनावी चुनौतियों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया, पिछले डेढ़ महीने में मैंने सिर्फ दो से ढाई घंटे सो पाया। अब मैं फिर से जिम जाने की योजना बना रहा हूं। उन्होंने अपने परिवार के साथ हनुमान मंदिर जाकर माथा टेका और कहा कि पहाड़ी इलाकों में रोजाना की चढ़ाई ने उन्हें फिट कर दिया है।
भाजपा प्रत्याशी युद्धवीर सेठी ने कहा, 50 दिन बाद जाकर मैंने आराम से सोने का मौका पाया। चुनाव के दौरान मैं रोजाना 45 मिनट योग करता रहा। आज मैं परिवार के साथ नाश्ता कर रहा हूं, जिसमें फल और परांठे शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अपने एक वर्षीय पोते के साथ खेलकर चुनावी थकान को मिटा दिया है। इन सभी उम्मीदवारों ने चुनावी हलचल के बीच अपने स्वास्थ्य और परिवार के साथ बिताए समय की अहमियत को समझा है, और अब चुनाव के बाद फिर से अपने व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।