केजरीवाल का CM पद से इस्तीफा: कारण और रणनीति पर एक नजर; BJP की चिंता बढ़ी

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे की घोषणा कर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस कदम के जरिए उन्होंने विरोधियों को जवाब देते हुए जनता को अपनी ओर और अधिक मजबूती से जोड़ने का प्रयास किया है।

भाजपा के आरोप का जवाब देते हुए कि वे कुर्सी नहीं छोड़ना चाहते, केजरीवाल ने यह संदेश दिया है कि उन्हें पद से कोई विशेष लगाव नहीं है। इस रणनीति से उन्होंने लगातार हमलावर विपक्षियों को जवाब देने की कोशिश की है।

केजरीवाल के इस्तीफे के पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण

केजरीवाल ने जनता को संदेश दिया कि उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से कोई विशेष लगाव नहीं है।

अरविंद केजरीवाल ने इस कदम से विपक्षियों को जवाब देने और उनकी आलोचनाओं को ठुकराने का प्रयास किया है।

मुख्यमंत्री ने अपनी ‘कट्टर ईमानदार’ छवि को और मजबूत करने की कोशिश की है।

हरियाणा और दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जनता के बीच अपनी छवि सुधारने के लिए यह कदम उठाया गया है। 2015 में केजरीवाल के इस्तीफे पर हुए चुनाव में आप को 70 में से 67 सीटें मिली थीं।

केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा से बीजेपी की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि 2015 में भी उन्होंने ऐसा ही दांव खेला था, जिससे आप को बड़ी सफलता मिली थी।

जेल जाने से उनकी छवि पर पड़े असर को सुधारने के लिए यह कदम उठाया गया है।

दिल्ली की जनता को अच्छे स्कूल, अस्पताल, मुफ्त बिजली-पानी और महिलाओं के लिए बसों में मुफ्त यात्रा का एहसास कराने की भी कोशिश की गई है।

केजरीवाल इस्तीफे के जरिए दिल्ली की जनता की मन की बात जानना चाहते हैं।

भ्रष्टाचार के आरोपों को नकारते हुए केजरीवाल ने अपनी छवि को साफ-सुथरा दिखाने के लिए यह कदम उठाया है।

‘ईमानदार’ छवि को मजबूत करने का प्रयास

सीएम केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा के साथ उन्होंने अपनी ‘ईमानदार’ छवि को मजबूत करने का प्रयास किया है। आम आदमी पार्टी इस छवि का लाभ हरियाणा और दिल्ली विधानसभा चुनावों में उठाने की कोशिश करेगी। 2013 के विधानसभा चुनाव में किसी को बहुमत नहीं मिलने के बाद, कांग्रेस के साथ मिलकर 49 दिन की सरकार चलाने के बाद केजरीवाल ने इस्तीफा दिया था। इसके परिणामस्वरूप, 2015 में हुए चुनाव में आप को विशाल बहुमत के साथ 70 में से 67 सीटें मिली थीं।

जेल जाने से केजरीवाल की छवि प्रभावित हुई

इससे पहले 2013 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 28 और कांग्रेस को 8 सीटें मिली थीं, जबकि भाजपा को 32 सीटें प्राप्त हुई थीं। भले ही आम आदमी पार्टी इससे इंकार करे, लेकिन जेल जाने से केजरीवाल की छवि पर असर पड़ा है। केजरीवाल को एक पार्टी के रूप में देखा जाता है, और दूसरे शब्दों में कहें तो आम आदमी पार्टी की छवि भी केजरीवाल से जुड़ी हुई है।

केजरीवाल ने इस्तीफा देने का ऐलान किया

विपक्षी दलों की साजिश बताते हुए आप के नेता पिछले एक साल से हर मंच पर यह आरोप लगा रहे हैं कि केजरीवाल की छवि को जानबूझकर खराब किया जा रहा है। रविवार को अरविंद केजरीवाल ने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में इस्तीफा देने की घोषणा की और इस अवसर पर उन्होंने अपनी छवि पर उठाए जा रहे सवालों का भी उल्लेख किया।

भाजपा द्वारा केजरीवाल को चोर कहा जा रहा है

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा द्वारा उन्हें चोर कहा जा रहा है। यह सब ऐसे मुद्दे हैं जो उन्हें एहसास करा रहे थे कि भाजपा के आक्रामक अभियान से उन्हें नुकसान हो रहा है। इससे पहले, केजरीवाल ने लोगों को बताया कि वह दिल्ली की जनता के लिए काम इसलिए कर सके क्योंकि वह ईमानदार थे।

स्कूलों से लेकर बिजली और पानी तक मुफ्त प्रदान किया

उन्होंने स्कूल अच्छे किए हैं, अस्पताल अच्छे किए हैं, बिजली-पानी फ्री दे रहे है, महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा दे रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि यह सब इसलिए कर पा रहे हैं क्योंकि उनकी सरकार ईमानदार सरकार है। यहां गौरतलब है कि यह सब बताने के पीछे जनता को यह फिर से याद दिलाना था कि वह ईमानदार हैं और ईमानदारी से काम कर रहे हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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