JNU में छात्रों के आगे झुका प्रशासन, जाति गणना समेत 6 मांगों पर जताई सहमति

JNU में छात्रों के आगे झुका प्रशासन, जाति गणना समेत 6 मांगों पर जताई सहमति

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 15 दिन से चल रही छात्रसंघ की भूख हड़ताल के बाद कुछ मांगों पर सहमति बन गई है. साथ ही बाकी फंड बढ़ाने के लिए जेएनयू एडमिशन ने यूजीसी को पत्र लिखा है. इस पर JNUSU का कहना है कि ये हमारी आंशिक जीत है. मेरिट कम मींस स्कॉलरशिप 5000 रुपए प्रति माह करने की मांग थी. इसमें अभी तक 2000 रूपए प्रति माह मिल रहे हैं. जेएनयू प्रशासन ने इस मांग को सैद्धांतिक तौर पर मानते यूजीसी को पत्र लिखा है.

जाति आधारित गणना की मांग स्वीकार
छात्रसंघ ने बताया कि जेएनयू प्रशासन छात्रों की 12 प्रमुख मांगों में से छह को स्वीकार करने पर सहमत हो गया है. इनमें छात्रों के प्रवेश के लिए जेएनयू प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) की पुरानी व्यवस्था को बहाल करने, परिसर में जाति आधारित गणना कराने, छात्रवृत्ति की राशि में वृद्धि करने और प्रवेश के दौरान मौखिक परीक्षा का भारांक कम करने जैसे मुद्दे शामिल हैं.

छात्रसंघ ने अपना विरोध जारी रखा
छात्रसंघ के मुताबिक बातचीत के दौरान प्रशासन ने इन मुद्दों को स्वीकार करने की मौखिक सहमति दी. इस सहमति के बावजूद छात्रसंघ ने अपना विरोध जारी रखा है और अध्यक्ष धनंजय तथा काउंसलर नीतीश कुमार भूख हड़ताल पर हैं, जो आज 16वें दिन में प्रवेश कर गया. दोनों प्रशासन से लिखित में सहमति वाले मुद्दे चाहते हैं.

11 अगस्त को शुरू हुई थी भूख हड़ताल
बता दें कि भूख हड़ताल 11 अगस्त को शुरू हुई थी. छात्र संघ ने एक बयान में कहा कि धनंजय का वजन पांच किलोग्राम से अधिक घट गया है और कीटोन का स्तर चार से अधिक हो गया है जो संकेत करता है कि भूख हड़ताल का गंभीर असर उनके गुर्दे पर हो रहा है. उन्हें पीलिया भी हो गया है. नीतीश का भी वजन सात किलोग्राम कम हो गया है और वह बहुत कमजोर हो गए हैं. उनकी मांसपेशियों में गंभीर दर्द है. जेएनयूएसयू ने अपनी मांगों को लेकर प्रशासन पर दबाव बनाने के इरादे से क्रमिक भूख हड़ताल और रात्रि जागरण का आह्वान किया है.

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