अजमेर दरगाह विवाद: शिव मंदिर होने के मामले में सुनवाई

अजमेर दरगाह में शिव मंदिर का दावा : स्थानांतरण याचिका पर 10 अक्टूबर को होगी  सुनवाई, जानें पूरा मामला - Ajmer Dargah Row

 

अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने के मामले को लेकर सिविल कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर कहा कि सुनवाई के दौरान न्यायालय परिसर में अनावश्यक भीड़ को एकत्रित नहीं होने दिया जाए। उन्हें डर है कि उनके साथ अप्रिय घटना हो सकती है।

 

गुप्ता ने पिछले साल 27 नवंबर को याचिका दायर कर कहा था कि अजमेर दरगाह में पहले संकट मोचन शिव मंदिर था। न्यायालय ने याचिका स्वीकार करते हुए अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी और पुरात्तव सर्वेक्षण विभाग को नोटिस भेजकर पक्ष रखने के लिए कहा था।

 

हिंदू पक्ष का दावा है कि दरगाह की जमीन पर पहले भगवान शिव का मंदिर था। मंदिर में पूजा और जलाभिषेक होता था। याचिका में अजमेर निवासी हर विलास शारदा द्वारा वर्ष 1911 में लिखी पुस्तक का हवाला दिया गया है, जिसमें दरगाह के स्थान पर मंदिर का जिक्र किया गया है।

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