उज्जैन में होगा कुंभ जैसा भव्य आयोजन, 3360 हेक्टेयर में मेला, 15 करोड़ श्रद्धालुओं के जुटने की तैयारी

उज्जैन में होगा कुंभ जैसा भव्य आयोजन, 3360 हेक्टेयर में मेला, 15 करोड़ श्रद्धालुओं के जुटने की तैयारी

धार्मिक नगरी उज्जैन में साल 2028 में आयोजित सिंहस्थ की तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि सिंहस्थ महाकुंभ एक सोशल गैदरिंग है, इससे समाज की दिशा तय होती है। पहले लोग कुंभ के मेले में तय हुई दिशा को लेकर जाते थे और समाज में बदलाव के लिए काम करते थे। समय के साथ परंपराओं में बदलाव आया है, लेकिन हमें अपनी जड़ों और मूल्यों के महत्व को समझना होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी मानना है कि कुंभ केवल एक मेला ही नहीं, लेकिन विश्व को परंपराओं के इनोवेशन, एजुकेशन और संदेश देने वाले शानदार प्रबंधन का एक अच्छा उदाहरण है। दुनिया को इसे केस स्टडी के तौर पर अपनाना चाहिए।

मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार सिंहस्थ महाकुंभ 2028 की तैयारियों में जुटी है। जिसमें विकास और अधोसंरचना के काम शुरू किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री यादव ने संकल्प लिया है कि सिंहस्थ-2028 में श्रद्धालुओं को क्षिप्रा नदी के निर्मल जल में ही स्नान कराया जाए और क्षिप्रा नदी में स्वच्छ और शुद्ध जल का प्रवाह सदा के लिए सुनिश्चित कर उसे सही अर्थों में पुण्य-सलिला और सदानीरा बनाया जाए।

संकल्प पूरा करने के लिए उज्जैन में सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी, कान्ह क्लोज डक्ट और हरियाखेड़ी परियोजनाएं शुरू की गई हैं और 18 बैराज के साथ स्टॉप डेम बनाए जा रहे हैं। इससे क्षिप्रा नदी में पूरे वर्ष निर्मल जल प्रवहमान रहेगा, साथ ही उज्जैन को शुद्ध और भरपूर पानी भी उपलब्ध हो सकेगा। मुख्यमंत्री यादव सिंहस्थ कुंभ के सफल आयोजन से उज्जैन को एक प्रमुख वैश्विक धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में भी स्थापित करना चाहते हैं।

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