सर्दी में भी नहीं थमा किसान आंदोलन, 14 दिन से अनशन पर बैठे नेता

कड़ाके की सर्दी और खुले आसमान के नीचे किसान अपनी हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। जबकि हम सब सर्दी से बचने के लिए घरों में गर्म कपड़े पहनने और हीटर जलाने में व्यस्त होते हैं, वही किसान अपनी आवाज़ उठाने के लिए खुले आकाश के नीचे अनशन पर बैठे हैं। ये किसान प्रशासन से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने सहकारी गोदामों के निर्माण में 4.12 करोड़ रुपये के घोटाले का मुद्दा उठाया है।किसान नेता श्याम सिंह चाहर और दिलीप सिंह ने यह मुद्दा प्रशासन के सामने रखा था, लेकिन जब प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो उन्होंने 14 दिन पहले अनशन शुरू किया।
यह संघर्ष सर्दी और प्रशासनिक निष्क्रियता दोनों के खिलाफ है। अब, जब जांच पूरी हो चुकी है, तो किसानों का सवाल है कि कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही।किसान नेताओं को अस्पताल में भी भर्ती कराया गया, क्योंकि उनकी तबियत बिगड़ने लगी थी, लेकिन उनकी हिम्मत नहीं टूटी। वे फिर से अनशन पर लौट आए। उनका कहना है कि जब तक घोटाले में न्यायपूर्ण कार्रवाई नहीं होती, तब तक वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। यह संघर्ष सिर्फ किसानों का नहीं है, बल्कि यह हम सभी का है, जो प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार की उम्मीद रखते हैं। सर्दी में यह किसान अपनी आवाज उठाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं।