अमेठी हो या कुंदरकी, यूपी की सियासत में उथल पुथल, अखिलेश, राहुल और सीएम योगी सभी ने देखे उतार चढ़ाव
उत्तर प्रदेश की राजनीति में साल 2024 बड़े बदलाव देखने को मिले हैं., लोकसभा चुनाव हो या फिर उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम, दोनों ही चुनावों ने प्रदेश की राजनीति को नई दिशा दी है. अमेठी, रायबरेली लोकसभा सीट पर आम चुनाव और कुंदरकी उपचुनाव के चुनावी नतीजों ने न सिर्फ प्रदेश की राजनीति पर अमिट छाप छोड़ी है, बल्कि केंद्र की राजनीति को भी प्रभावित किया है.
साल 2019 लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट पर कांग्रेस की हार हुई थी उसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को रायबरेली से उम्मीदवार बनाया गया. रायबरेली चुनाव के मामले में कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है. हालांकि आम चुनाव 2024 में राहुल गांधी ने जीत दर्ज करने के लिए खूब पसीना बहाया
इधर, उत्तर प्रदेश की कुंदरकी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के परिणामों ने धर्म की राजनीति करने वालों को भी बड़ा परिवर्तन देखने को मिला. 64 फीसदी मुस्लिम बाहुल्य सीट कुंदरकी में 12 में से 11 प्रत्याशी मुस्लिम थे. खास बात यह रही कि, मुस्लिम बाहुल्य सीट होने के बाद भी बीजेपी ने यहां बड़े अंतर से जीत दर्ज की. यहां से सपा ने मोहम्मद रिजवान को अपने प्रत्याशी बनाया था. मोहम्मद रिजवान दूसरे नंबर पर रहे तो वहीं आसपा प्रत्याशी चांद बाबू तीसरे नंबर पर रहे.
आखिरी में हम देखे तो जिस प्रकार लोकसभा चुनाव में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दी थीं वहीं अभी उपचुनाव में बीजेपी के बेहतर प्रदर्शन ने मुकाबले को एक नया मोड दिया है. यहाँ की हवा केंद्र तक को प्रभावित करती है इसलिए 2027 के चुनाव किसी तरफ झुकाव लेते दिखाई नहीं दे रहे बल्कि सभी दलों में कांटे की टक्कर दिख रही है.