संभल में एफएसएल टीम ने जुटाए सबूत, बवाल के स्थल से लेकर गोली चलने की जगह तक की जांच

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संभल में 24 नवंबर को हुए बवाल की जांच में एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लैब) की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर सीन को दोहराया और साक्ष्य जुटाए। टीम ने जामा मस्जिद, नखासा तिराहा और हिंदूपुरा खेड़ा में जाकर घटनास्थल की छानबीन की, जहां से गोली चली थी। एफएसएल टीम ने उन स्थानों पर भी जांच की, जहां लोगों को गोली लगी थी और जहां एक पुलिस अधिकारी पर गोली चलाई गई थी। इस दौरान टीम ने पथराव और गोलीबारी की घटनाओं के साक्ष्य जुटाए और उन बिल्डिंगों की जांच की, जहां से गोली चलाई गई थी।

 

इसी दौरान, एफएसएल टीम ने उन लोगों के परिजनों से भी मुलाकात की, जिनकी इस बवाल में जान चली गई थी। टीम ने पुलिस द्वारा बरामद किए गए कारतूस और खोखों को भी जांचा। एफएसएल की टीम में बैलिस्टिक विशेषज्ञ भी शामिल थे, जो इन साक्ष्यों का विश्लेषण कर रहे हैं। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि लखनऊ एफएसएल निदेशक को पत्र भेजकर इस मामले में जांच कराने की मांग की थी।

 

इस बवाल में पुलिस पर पथराव और फायरिंग की गई थी, जिसमें पांच लोगों की मौत हुई थी और 29 पुलिसकर्मियों सहित 30 से ज्यादा आम लोग घायल हुए थे। पुलिस ने लाठी चार्ज और टियर गैस के गोले का इस्तेमाल कर उपद्रवियों को खदेड़ा था।

 

इस मामले में पुलिस ने जामा मस्जिद सर्वे के दौरान उपद्रव में शामिल एक आरोपी आकिब को गिरफ्तार किया है, जो नखासा थाना क्षेत्र में दरोगा से पिस्टल की मैगजीन लूटने में शामिल था। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

 

इसके अलावा, पुलिस ने उपद्रव में शामिल 450 चेहरों की पहचान की है और 97 उपद्रवियों के नाम और पते की जानकारी प्राप्त की है। पुलिस अब इन आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश दे रही है। इस बवाल के बाद से 41 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं, लेकिन किसी भी आरोपी को अब तक जमानत नहीं मिली है।

 

पुलिस ने इस मामले में कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।

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