पटना-गया रेलखंड बना हादसों का गढ़, ट्रेन में चढ़ते वक्त युवक की कटकर जान गई

जहानाबाद कोर्ट रेलवे स्टेशन पर हुई दर्दनाक घटना ने एक बार फिर पटना-गया रेलखंड पर यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेनों की कमी को उजागर कर दिया है। शनिवार को मोहम्मद असगर, जो अपने गांव शकुरगंज, परस बीघा से दवा लाने गया जाने के लिए निकले थे, ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते हुए भीड़ के दबाव में ट्रेन के पहिए के नीचे आ गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना का विवरण
मोहम्मद असगर नियमित रूप से गया दवा लाने जाते थे। शनिवार को, पटना-गया मेमू पैसेंजर ट्रेन में अत्यधिक भीड़ के कारण वह डिब्बे में चढ़ नहीं सके और दुर्घटना का शिकार हो गए। उनकी मौत से परिजनों और स्थानीय निवासियों में शोक और आक्रोश है।
भीड़ और ट्रेनों की कमी बनी हादसे का कारण
पटना-गया रेलखंड पर ट्रेनों की संख्या में कमी और डिब्बों में भारी भीड़ ने इस हादसे को जन्म दिया। गया रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म निर्माण और अन्य कार्यों के चलते कई मेमू पैसेंजर ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। एक्सप्रेस ट्रेनों के रूट में बदलाव से भी यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल
रेलखंड पर ट्रेनों की कमी के चलते यात्रियों को खचाखच भरी ट्रेनों में यात्रा करनी पड़ती है। कई बार यात्री डिब्बों के दरवाजों और पायदान पर लटक कर सफर करने को मजबूर होते हैं। यह लापरवाही यात्रियों की जान के लिए बड़ा खतरा बनती जा रही है।
रेलवे प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद रेल थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। रेलवे प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
परिजनों का दर्द और स्थानीय आक्रोश
मोहम्मद असगर की मौत से उनके परिवार में गहरा शोक है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। इस घटना ने स्थानीय लोगों में रेलवे प्रशासन के प्रति गुस्सा बढ़ा दिया है, जो ट्रेनों की कमी और यात्री सुरक्षा में लापरवाही के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
समस्या का समाधान आवश्यक
यह घटना रेलवे प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। अगर जल्द ही इस दिशा में ठोस प्रयास नहीं किए गए, तो ऐसी घटनाएं भविष्य में भी देखने को मिल सकती हैं।