संभल के कल्कि मंदिर में बने गुंबद में ASI टीम का सर्वेक्षण, कृष्ण कूप का भी किया सर्वे
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की टीम आज कल्कि मंदिर का सर्वे कर रही है. और यह पहले से ही जारी है जैसा की कल संभल में एएसआइ (ASI) टीम ने पांच अलग- अलग लोकेशन लोकेशन का सर्वे किया था, जिसमें 19 कुएं और 5 तीर्थ शामिल थे । आज टीम नें जानकारी दी है की वे मंदिर के कूप व कालखंड का पता लगाने में जुटी है. उनके साथ विशेषज्ञों मौजूद हैं उन्होंने इस ऐतिहासिक स्थल की फोटो व वीडियोग्राफी भी की है, जिससे इस स्थल की प्राचीनता इतिहास में लिखी जा सके।
संभल पहले से ही हिन्दू धर्म और भारतीय ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है, इसे कलयुग में होने वाले अवतार कल्कि से जुड़ा माना जाता रहा है सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए यह पूरा सर्वे गुप्त रखा गया और टीम वहाँ के आम आदमियों की तरह ही वहाँ कार्य करती रही.
ASI की टीम के दिए गए सुझावों और रिपोर्ट के आधार पर यहाँ की धरोहर को सरंक्षण दिया जाएगा और इसके चलते यहाँ पर्यटन का भी विकास देखा जा सकता है. टीम नें खग्गुसराय में स्थित कार्तिकेश्वर महादेव मंदिर के साथ ही भद्रका और स्वर्गदीप जैसे 19 कुओं का सर्वेक्षण किया
46 साल बाद मिली मंदिर के सर्वेक्षण को नई दिशा
सूत्रों से बताया गया 14 दिसंबर को पुलिस उस वक्त हैरान रह गई जब दीपा राय इलाके में चेकिंग के समय अचानक एक मंदिर मिल गया जो कि सन 1978 का बताया जा रहा है. यह मंदिर 46 सालों से बंद बताया जा रहा है . उसके बाद ही संभल डीएम डॉ राजेन्द्र पैंसिया ने ASI टीम से जाँच का अनुरोध किया था इसके बाद 15 दिसंबर को मंदिर को खोला गया और वहां पूजा पाठ शुरू की गई. इसके बाद कुएं मिलने की जानकारी सामने आई और उसकी खुदाई कराई गई. चार सदस्यीय ASI टीम ने प्रशासन से अनुरोध किया था कि निरीक्षण को गोपनीय रखा जाए. जिलाधिकारी संभल राजेंद्र पेंसिया के अनुसार, मंदिर का सर्वेक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया गया।