परीक्षाओं में धोखाधड़ी: चश्मे में कैमरा लगाने वाले सीनियर छात्र की गिरफ्तारी, GSVM ने की परीक्षा रद्द

उन्नाव के सरस्वती मेडिकल कॉलेज (एसएमसी) के एमबीबीएस फाइनल वर्ष (2019 बैच) के छात्रों के प्रैक्टिकल परीक्षा में नकल के एक नए और चौंकाने वाले तरीके का खुलासा हुआ है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में हो रही इन परीक्षाओं के दौरान सीनियर मेडिकल छात्रों ने नकल कराने का एक संगठित तरीका अपनाया, जो अंततः पकड़ में आ गया। दरअसल, ये सीनियर छात्र परीक्षार्थियों के सत्यापन के लिए आए थे, लेकिन बाद में उन्हें नकल कराने के आरोप में पकड़ा गया।
इस घटनाक्रम की शुरुआत एक मेल से हुई, जिसमें परीक्षा के दौरान नकल की सूचना दी गई थी। मेल में जो तस्वीरें भेजी गई थीं, उन्हें जांचने के बाद जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला को संदेह हुआ कि नकल की घटना हो रही है। जांच के दौरान यह पाया गया कि चार सीनियर छात्र, जिनमें दो छात्राएं थीं, नकल कराने में शामिल थे। इन सीनियर छात्रों ने न केवल प्रश्नों की तस्वीरें खींची, बल्कि उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप में भेजकर उत्तर भी प्राप्त किए। इसके बाद वे परीक्षार्थियों को सही उत्तर बता देते थे।
यह पूरी प्रक्रिया इस प्रकार काम करती थी: नकल कराने वाला छात्र पहले परीक्षार्थी के पास जाता था, उनकी प्रैक्टिकल कॉपी और उपकरणों की तस्वीरें खींचता था, और फिर उन तस्वीरों को व्हाट्सएप ग्रुप में भेजता था। ग्रुप में मौजूद अन्य सदस्य इन तस्वीरों के आधार पर उत्तर खोजकर उसे वापस ग्रुप में पोस्ट कर देते थे, और फिर परीक्षार्थियों को सही उत्तर प्रदान कर दिए जाते थे।
परीक्षा केंद्र के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने इस नकल की तकनीक को पकड़ने के लिए जांच की। वे यह ध्यान रखते थे कि मेल में भेजी गई जूते और जींस की तस्वीरें विशेष थीं, जिससे एक सीनियर छात्र की पहचान की गई। जब इस छात्र से पूछताछ की गई, तो उसने अन्य तीन छात्रों का नाम लिया, जो नकल में शामिल थे। इन छात्रों ने पहले अपने मोबाइल से सभी नकल से जुड़ी तस्वीरें डिलीट कर दी थीं, लेकिन जब जांच में फोटो रिकवर कर ली गईं, तो उन्होंने सच उगल दिया।
नतीजतन, इस घटना के बाद सभी प्रैक्टिकल परीक्षाएं रद्द कर दी गईं, और एसएमसी के छात्रों की आगामी परीक्षाएं जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में आयोजित नहीं की जाएंगी। इसके अलावा, मामले की गंभीरता को देखते हुए छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय ने एसएमसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की घोषणा की है। इस घटना ने मेडिकल शिक्षा प्रणाली में नकल के नए तरीके को उजागर किया, और इसे गंभीरता से लिया गया है ताकि भविष्य में ऐसे कृत्य की पुनरावृत्ति न हो सके।