ACS सिद्धार्थ द्वारा रोज 10 स्कूलों के शिक्षकों को वीडियो कॉल, शिक्षकों को मिलेगा सीधा संवाद

बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए राज्य के शिक्षा विभाग और एसीएस एस. सिद्धार्थ द्वारा लगातार नए फरमान जारी किए जा रहे हैं। हाल ही में, एस. सिद्धार्थ ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसमें उन्होंने प्रतिदिन 10 स्कूलों के शिक्षकों से वीडियो कॉल पर बातचीत करने का आदेश दिया है। इस नए आदेश से शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। एस. सिद्धार्थ ने बताया कि वह अब प्रतिदिन 10 विद्यालयों के शिक्षकों से वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क करेंगे, और इसके लिए उन्होंने अपना मोबाइल नंबर +91 91534 68895 जारी किया है। इस वीडियो कॉलिंग के दौरान विद्यालयों की उपस्थिति, बच्चों की उपस्थिति और अन्य आवश्यक गतिविधियों की निगरानी की जाएगी।
इस कदम का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था की निगरानी को मजबूत करना और सुनिश्चित करना है कि स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो। इसके साथ ही, बिहार में कक्षा तीन, पांच और आठ के छात्रों के स्तर में सुधार की दिशा में कई योजनाएं बनाई गई हैं। हाल ही में किए गए एक मूल्यांकन में यह पाया गया कि इन कक्षाओं के छात्रों में पढ़ाई की बुनियादी दक्षताएं जैसे कि पाठ्य पुस्तक को धाराप्रवाह पढ़ना और गणित के सरल प्रश्नों को हल करना कमजोर हैं। शिक्षा विभाग ने इस बात को स्वीकार किया कि छात्रों को इन बुनियादी कौशलों में सुधार की आवश्यकता है, ताकि वे अगली कक्षाओं के लिए तैयार हो सकें।
इस सुधार के लिए शिक्षा विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। प्रत्येक विद्यालय में कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए विशेष गणित और पढ़ाई की कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इन कक्षाओं में गणित के बुनियादी प्रश्नों को जल्दी हल करना और पढ़ाई में सुधार के लिए छात्रों को अभ्यास कराया जाएगा। इसके अलावा, प्रत्येक सोमवार को छात्रों के पढ़ाई और गणित कौशल का साप्ताहिक परीक्षण किया जाएगा, ताकि उनकी प्रगति को मापा जा सके।
बिहार शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि SCERT (State Council of Educational Research and Training) के परामर्श से टेस्ट पेपर तैयार किए जाएंगे, लेकिन इसकी प्रतीक्षा नहीं की जाएगी। यदि टेस्ट पेपर उपलब्ध नहीं होते, तो शिक्षक अपने स्तर पर पेपर तैयार करके छात्रों का मूल्यांकन करेंगे। इस तरह के प्रयासों से शिक्षा विभाग का उद्देश्य राज्य के छात्रों की बुनियादी शिक्षा को मजबूत करना और उन्हें अगले शैक्षणिक स्तर के लिए तैयार करना है।