मेरठ में हिंदू समाज का विरोध प्रदर्शन, हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ बांग्लादेश का पुतला जलाया

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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ मेरठ में हिंदू समाज के बीच गहरी नाराजगी देखने को मिली। शनिवार को सर्व हिंदू समाज द्वारा आयोजित विराट धरना-प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल हुए और बांग्लादेश का पुतला जलाया। शहर भर में 75 से अधिक स्थानों पर लोग एकत्रित हुए और पैदल मार्च करते हुए कमिश्नरी पहुंचे। इस विशाल प्रदर्शन में हिंदू संगठनों, भाजपा, व्यापारिक और धार्मिक संगठनों के सदस्य शामिल हुए, और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की निंदा की।

 

विरोध प्रदर्शन के दौरान बुढ़ाना गेट से सबसे बड़ा पैदल मार्च निकाला गया, जिसमें इस्कॉन, पुराने शहर के व्यापारी, समाजसेवी, हिंदू संगठन और विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग शामिल हुए। मार्च में शामिल लोग नारेबाजी करते हुए और “हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो” और “कटोगे तो बटोगे” जैसे पोस्टर लेकर कमिश्नरी तक पहुंचे। इस दौरान कई स्कूलों के छात्र-छात्राएं भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और पोस्टर हाथ में लेकर मार्च कर रहे थे। धार्मिक संगठनों ने हरे राम हरे कृष्ण के गान के साथ नृत्य कीर्तन भी किया, जिससे पूरे मार्ग का माहौल भक्तिभाव से ओतप्रोत हो गया।

 

इस प्रदर्शन में भाजपा सांसद अरुण गोविल ने भी अपनी भागीदारी दिखाई और खुद ट्रैक्टर चलाकर प्रदर्शन में शामिल हुए, जिससे आंदोलन को और अधिक बल मिला। प्रदर्शनकारियों का उद्देश्य बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के बारे में सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करना था।

 

पुलिस-प्रशासन को इस विशाल प्रदर्शन को लेकर अलर्ट कर दिया गया था। प्रदर्शन स्थल और शहर के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पुलिस फोर्स तैनात किया गया था। कलक्ट्रेट और कमिश्नरी पर सुरक्षा कड़ी थी और खुफिया तंत्र को भी सक्रिय कर दिया गया था। डीएम दीपक मीणा ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, ताकि प्रदर्शन शांति से संपन्न हो सके।

 

यह प्रदर्शन हिंदू समाज के आक्रोश को प्रदर्शित करता है, जो बांग्लादेश में अपनी धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान एकजुटता और भाईचारे का संदेश दिया गया, और यह दर्शाया गया कि हिंदू समाज किसी भी प्रकार के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए तैयार है।

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