नोएडा: दिल्ली कूच के लिए जुटे किसानों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, जेल भेजा गया

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नोएडा में 10% भूखंड और अन्य मांगों को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन ने शनिवार को एक बड़ा रूप ले लिया। किसान अपने हक की लड़ाई में दिल्ली कूच करने के लिए परी चौक पहुंचे, जहां पुलिस ने उन्हें घेरकर गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं, जिन्होंने नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को पुरजोर तरीके से उठाया। प्रशासन ने आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल, पीएसी और आरपीएफ के जवानों को तैनात किया था।

 

शनिवार सुबह करीब 12 बजे तुगलपुर गांव से 30 से अधिक किसानों और महिलाओं का पहला जत्था परी चौक पहुंचा। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रदर्शनकारियों को चारों ओर से घेर लिया और गिरफ्तार कर लुकसर जेल भेज दिया। इसके आधे घंटे बाद दादरी के आसपास के गांवों से करीब 40 महिलाओं और किसानों का दूसरा जत्था भी प्रदर्शन करता हुआ परी चौक पर पहुंचा। यहां पुलिस और महिलाओं के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। महिलाएं सड़क पर बैठकर नारेबाजी करती रहीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें उठाकर बस में बैठाया और जेल भेज दिया।

 

किसानों का कहना है कि प्रशासन उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है। उनके नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, लेकिन इससे उनका हौसला नहीं टूटेगा। प्रदर्शनकारी इस बात पर अडिग हैं कि जब तक 10% भूखंड देने और अन्य मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने प्रशासन पर तानाशाही रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया।

 

पुलिस का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया। परी चौक पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती इसलिए की गई थी ताकि किसी अप्रिय घटना को टाला जा सके। प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर शांति बनाए रखने का प्रयास किया गया।

 

किसानों का यह आंदोलन प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। किसानों ने ऐलान किया है कि उनका जेल भरो आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं। यह आंदोलन न केवल किसानों के अधिकारों की लड़ाई है, बल्कि प्रशासन के रवैये पर सवाल भी खड़े कर रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह संघर्ष किस दिशा में आगे बढ़ता है और इसका समाधान कैसे निकाला जाता है।

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