यूपी सरकार का सख्त आदेश, बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर छह महीने की रोक

jbnv

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के विभिन्न विभागों, निगमों और प्राधिकरणों में आगामी छह माह के लिए हड़ताल पर पाबंदी लगा दी है। यह आदेश प्रमुख सचिव (कार्मिक) एम. देवराज द्वारा शुक्रवार को जारी किया गया, और माना जा रहा है कि यह कदम बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा निजीकरण के खिलाफ की जाने वाली हड़ताल को देखते हुए उठाया गया है। सरकार ने इस आदेश को उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम, 1966 के तहत लागू किया है, जिससे राज्य सरकार और उसके स्वामित्व वाले निगमों व स्थानीय प्राधिकरणों में हड़ताल निषिद्ध रहेगी।हाल ही में बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा निजीकरण के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया गया था। कर्मचारियों का कहना है कि प्राइवेट पब्लिक पार्टनशिप (पीपीपी) मॉडल से न केवल बिजली कर्मचारियों के अधिकारों पर खतरा होगा, बल्कि इससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। कर्मचारियों के संगठनों ने एक मंच पर आकर निजीकरण के खिलाफ विरोध जताया और इसे वापस लेने की मांग की। विभिन्न श्रमिक संघों के नेताओं ने यह संकल्प लिया कि वे निजीकरण के विरोध में होने वाले आंदोलन का समर्थन करेंगे।

इस बीच, बिजली विभाग के प्रबंधन ने भी हड़ताल की चेतावनी दी है और हड़ताल पर कार्रवाई की धमकी दी है। उपभोक्ता परिषद ने भी पावर कॉर्पोरेशन के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें पूर्वांचल और दक्षिणांचल क्षेत्रों को पीपीपी मॉडल के तहत निजीकरण करने का प्रस्ताव था। परिषद ने विद्युत नियामक आयोग में विरोध प्रस्ताव दाखिल किया और इस फैसले को विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 131(4) के तहत गलत ठहराया है, यह तर्क देते हुए कि इन क्षेत्रों का पहले से ही पुनर्गठन किया जा चुका है और इनका निजीकरण नहीं किया जा सकता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हो सकता है आप चूक गए हों