राकेश टिकैत को रोकने पर भाकियू का आक्रोश, वेस्ट यूपी में थाने का किया घेराव

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ग्रेटर नोएडा में दलित प्रेरणा स्थल से किसानों को हटाकर जेल भेजे जाने के बाद भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है। इस विरोध का मुख्य केंद्र बुधवार को जीरो प्वाइंट पर आयोजित महापंचायत था, जिसमें बड़ी संख्या में किसान शामिल होने के लिए पहुंच रहे थे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें रोकने के प्रयास किए, और खासकर किसान नेता राकेश टिकैत को नोएडा जाने से पहले यमुना एक्सप्रेसवे पर गिरफ्तार कर लिया। उन्हें अलीगढ़ के टप्पल थाने ले जाया गया। इस कार्रवाई के विरोध में भाकियू कार्यकर्ताओं ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में पुलिस थानों के बाहर धरना देना शुरू कर दिया।महापंचायत के आयोजन से पहले, भारतीय किसान यूनियन ने घोषणा की थी कि प्रदेश के पांच मंडल—सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, आगरा और मुरादाबाद—के किसान नोएडा कूच करेंगे। इस एलान के बाद, किसान परतापुर में एकत्र होकर नोएडा जाने की योजना बना रहे थे, लेकिन उन्हें जगह-जगह पुलिस ने रोका और कई किसानों को गिरफ्तार भी किया गया।

राकेश टिकैत की गिरफ्तारी के बाद, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाकियू कार्यकर्ताओं में गुस्सा फैल गया। मेरठ के परतापुर थाने में कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया और पुलिस से हिरासत में लिए गए किसानों को तुरंत रिहा करने की मांग की। धरने में शामिल कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन जब अधिकारी ने उन्हें कार्यालय में बैठने को कहा, तो कार्यकर्ताओं ने इसे अस्वीकार कर दिया और खुले तौर पर विरोध जताया।राकेश टिकैत ने चेतावनी दी कि अगर किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होता, तो वह लखनऊ तक ट्रैक्टर यात्रा शुरू करेंगे। उनका कहना था कि अब यह ‘आरपार की लड़ाई’ होगी। इस स्थिति ने पश्चिमी यूपी में और भी उग्र विरोध को जन्म दिया है, जिससे सरकार के खिलाफ किसान आंदोलनों की तात्कालिकता और तीव्रता को दर्शाया गया।

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