आलमी इज्तिमा की यातायात व्यवस्था में पांच हजार वालंटियर्स का अहम योगदान

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तबलीगी इज्तिमा के दौरान भोपाल में ट्रैफिक मैनेजमेंट का एक उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिलता है। इस आयोजन के दौरान, विशेष रूप से पुराने शहर में ट्रैफिक जाम की समस्याओं को हल करने के लिए पांच हजार वालंटियर्स और पुलिस अधिकारियों की टीम तैनात होती है। इन वालंटियर्स का काम वाहनों को एक लेन में बनाए रखना और सुनिश्चित करना होता है कि रास्ते पर कोई भी वाहन रुकने न पाए। यह प्रयास तबलीगी इज्तिमा के दौरान हर दिन सुबह से लेकर रात तक सुचारू रूप से चलता है, जिससे ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं कम होती हैं।

 

इज्तिमा आयोजन में ट्रैफिक की समस्याओं का समाधान मुख्यतः तीन मुख्य चौराहों और एक ब्रिज के पास ध्यान से किया जाता है। इन चौराहों पर अतिरिक्त पुलिस और वालंटियर्स की तैनाती की जाती है। प्रमुख चौराहे भोपाल टॉकीज, डीआईजी बंगला और करोद चौराहा हैं, जहां विशेष ध्यान दिया जाता है। इस ट्रैफिक व्यवस्था में पुतलीघर निवासी रिजवान अहमद जैसे सेवादारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जो ट्रैफिक के पहियों को रुकने से बचाने की कोशिश करते हैं और बीच में किसी भी परेशानी का तुरंत समाधान करते हैं।

 

इज्तिमा स्थल के आसपास कुल 45 पार्किंग व्यवस्था बनाई गई हैं, जिनमें से एक के बाद एक पार्किंग भरने के बाद अगली पार्किंग को खोला जाता है। इस तरह, पार्किंग की श्रेणीबद्ध व्यवस्था भी ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।

 

हालांकि, भोपाल में आम दिनों में यातायात जाम की समस्या बनी रहती है, खासकर पुराने शहर के इलाकों जैसे करोंद, डीआईजी बंगला, सिंधी कॉलोनी, और रेलवे स्टेशन आदि में। इन जगहों पर ट्रैफिक जाम के कारण लोग परेशान रहते हैं। पुलिस प्रशासन के पास पर्याप्त तादाद में यातायात व्यवस्था संभालने वाले अधिकारी हैं, लेकिन अक्सर उचित कार्य योजना की कमी के कारण लोग सड़क पर मुश्किलों का सामना करते हैं।

 

तबलीगी इज्तिमा के दौरान जिस तरह से ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जाता है, उससे यह सवाल उठता है कि जब अप्रशिक्षित वालंटियर्स इतना अच्छा प्रबंध कर सकते हैं, तो फिर पुलिस प्रशासन की पेशेवर टीम क्यों नहीं यह काम सही तरीके से कर पाती।

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