वाराणसी की 200 बाइकों में आग, दुर्घटना या राजनीतिक साजिश?

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वाराणसी में 200 गाड़ियों के एक साथ जलकर नष्ट होने की घटना ने सुरक्षा एजेंसियों और रेल अधिकारियों के बीच चिंताएं बढ़ा दी हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट में इसे शार्ट सर्किट से हुई दुर्घटना बताया गया है, और सिगरा थाने में इस संबंध में रिपोर्ट भी दर्ज की गई है। हालांकि, रेल प्रशासन पूरे मामले में साजिश की आशंका जताते हुए इसकी गहरी जांच की मांग कर रहा है। रेल अधिकारियों का कहना है कि शार्ट सर्किट की स्थिति में विद्युत आपूर्ति खुद ही बाधित हो जाती है, और ऐसे में आग की घटना का होना सवाल उठाता है। उनके अनुसार, विद्युत इंजीनियरों ने आग की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष उपकरण लगाए हैं, जो इस बार काम नहीं कर पाए, जिससे यह घटना और संदिग्ध हो गई है।

रेलवे अधिकारी यह भी जोड़ते हैं कि पिछले कुछ महीनों में देशभर में ट्रेन पलटाने की कई कोशिशें हो चुकी हैं, जिसमें अवांछनीय तत्वों ने ट्रेन की पटरी पर लकड़ी के बोटे, एलपीजी सिलिंडर, बोल्डर आदि रखे थे। हालांकि वाराणसी में ऐसी घटनाएं नहीं हुई हैं, फिर भी रेलवे के उच्चाधिकारी मामले की गहन जांच चाहते हैं।

फोरेंसिक जांच को लेकर भी विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना किस प्रकार हुई, इसका सही कारण केवल वैज्ञानिक तरीके से जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। अलग-अलग बाइकों की जांच में यह भी सामने आ सकता है कि ब्लास्ट टंकियों के पीछे क्या वजह रही और क्यों आग में चेसिस नंबर तक गल गए। ऐसी जांच से घटना के तथ्यों को सामने लाया जा सकता है और यह भी स्पष्ट होगा कि यह महज एक हादसा था या कहीं न कहीं इसकी पीछे कोई साजिश थी।

इस घटनाक्रम को लेकर खुफिया एजेंसियां इसे एक एक्सीडेंट मानते हुए जांच कर रही हैं, लेकिन रेल अधिकारियों की आशंका बनी हुई है कि यह एक सुनियोजित प्रयास हो सकता है।

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